Shikshak Diwas 2020: चाणक्य माने जाते हैं सर्वश्रेष्ठ शिक्षक, चाणक्य नीति मित्र, धन, पत्नी, राजपाट सहित सभी मामलों में देती है सही ज्ञान
shikshak diwas 2020, Chanakya Niti: हर समस्या का समाधान आचार्य चाणक्य की नीतियों में मिलता है और जीवन की हर परेशानी से निकलने में चाणक्य नीति सर्वश्रेष्ठ साबित होती है. चाणक्य अब तक के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में से एक हैं. उन्हें कौटिल्य या विष्णु गुप्त के रूप में भी जाना जाता है. चाणक्य तक्षशिला के प्राचीन विश्वविद्यालय में एक शिक्षक थे. चाणक्य द्वारा उस समय कही गई बातों का महत्व आज भी कायम है.
Shikshak Diwas 2020: समाधान आचार्य चाणक्य की नीतियों में मिलता है और जीवन की हर परेशानी से निकलने में चाणक्य नीति सर्वश्रेष्ठ साबित होती है. चाणक्य अब तक के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों में से एक हैं. उन्हें कौटिल्य या विष्णु गुप्त के रूप में भी जाना जाता है. चाणक्य तक्षशिला के प्राचीन विश्वविद्यालय में एक शिक्षक थे. चाणक्य द्वारा उस समय कही गई बातों का महत्व आज भी कायम है. चाणक्य के अनुसार धरती पर जिसने जन्म लिया है उसके जीवन में बुरा वक्त जरूर आता है. बुरा वक्त इंसान की परीक्षा लेने के लिए आता है. जो इस परीक्षा में उत्तीर्ण यानि पास हो जाता है वह जीवन को सफलता पूर्वक जीता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है. जब व्यक्ति का बुरा वक्त आए तो धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए और इस बात को हमेशा में ध्यान में रखना चाहिए.
चाणक्य नीतियां दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती हैं. चाणक्य द्वारा बताए गये बातें मनुष्य के जीवन को सफलता दिलाने में काफी मदद करता है. चाणक्य नीतियों में सभ्य समाज, राजनीति, बिजनेस और नौकरी को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें बताई गईं हैं. आर्चाय चाणक्य की नीतियों की बदौलत ही चंद्र गुप्त मौर्य राजा बन पाया. आचार्य चाणक्य की कुछ ऐसी ही बातों का पालन कर उनके बताएं मार्ग पर चलकर जीवन में शान्ति की स्थापना कर सकते हैं. आइए, आज जानते हैं चाणक्य के महान विचारक और राजनयिक के कहे कुछ अनमोल शब्दों के बारे में…
आप हमेशा लोगों- कर्मचारियों, निवेशकों, ग्राहकों आदि के भार से घिरे रहते हैं. इसलिए, आपको बहुत बुद्धिमान होना चाहिए और अपनी योजनाओं और रहस्यों को हर दूसरे आदमी को नहीं बताना चाहिए. आपके प्रतियोगी कहीं भी छिपे हो सकते हैं. अपनी योजनाओं को खुद तक सीमित रखें. दूसरों के सामने अपनी योजनाओं को प्रकट न करें.
हमेशा किसी भी ज्ञान को प्राप्त करने के लिए शर्म नहीं करनी चाहिए. चाहे वह कहीं से मिल रहा हो ले लेना चाहिए. कुछ सीखने में आपको बेशर्म होना चाहिए. हमेशा कोई नया कार्य शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन प्रश्न आवश्य करिेए- मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसका रिजल्ट क्या हो सकता हैा और क्या मैं सफल हो पाऊंगा? जब अच्छे से सोचने के बाद संतोषजनक उत्तर मिल जाएं तभी आगे बढ़ें.
जब भी आप एक बार कोई कार्य शुरू करते हैं, तो असफलता से बिल्कुल भी भयभीत न हों और ना ही उसे त्यागें. ईमानदारी से कार्य करने वाले लोग हमेशा खुश रहते हैं. कोई इंसान अपने कर्मों से ही महान बनता है, न की जन्म से.
News Posted by: Radheshyam kushwaha