Shubh Muhurat: नए साल में 22 जनवरी से बजने लगेगी शहनाई, जानें शुभ मुहूर्त कौन-कौन से हैं
Shubh Muhurat : शादी-विवाह, मुंडन जैसे विभिन्न शुभ कार्यों के लिए दिसंबर से लेकर अप्रैल 2022 तक कई शुभ मुहूर्त हैं. नए साल में 22 जनवरी से ही शहनाई बजनी शुरू हो जाएगी. जनवरी महीने में विवाह के लिए 4 शुभ मुहूर्त हैं.
हिंदू धर्म में शादियों के लिए शुभ मुहूर्त को बहुत अहमियत दी जाती है. दिसंबर 2021 से अप्रैल 2022 तक के शादी समेत अन्य शुभ कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं. शादी के लिए तारीख तय करनी हो या गृह प्रवेश करना हो या फिर अन्य कोई शुभ कार्य संपन्न करने हों यहां इस साल दिसंबर से लेकर वर्ष 2022 अप्रैल तक के लिए शुभ तारीखों की पूरी लिस्ट हम यहां उपलब्ध करा रहे हैं.
शुभ मुहूर्त दिसंबर 2021
दिसंबर 2021 की 1,2,6,7,8,9,11 और 13 तारीख को शादी समेत अन्य कार्यों के शुभ मुहूर्त रहेंगे.
नए साल में 22 जनवरी से ही शहनाई बजनी शुरू हो जाएगी. जनवरी महीने में विवाह के लिए 4 शुभ मुहूर्त हैं.
साल 2022 में जनवरी से अप्रैल तक शुभ मुहूर्त
जनवरी 2022 में शुभ मुहूर्त
जनवरी 2022 की 22,23,24 और 25 तारीख को शादी समेत अन्य कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे.
फरवरी 2022 में शुभ मुहूर्त
फरवरी 2022 की 5,6,7,9,10,11,12,18,19,20 और 22 तारीख को विवाह अन्य कार्यों के लिए शुभ हैं.
मार्च 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त
मार्च 2022 में विवाह के सिर्फ 2 शुभ मुहूर्त हैं. इस महीने की 4 और 9 तारीख को शादी और अन्य कार्यों के शुभ मुहूर्त हैं.
अप्रैल 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त
अप्रैल 2022 की 14, 15, 16, 17,19, 20, 21, 22, 23, 24 और 27 तारीख को विवाह समेत अन्य कार्यों के शुभ मुहूर्त हैं.
खरमास 16 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक
16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास के कारण शादियों पर ब्रेक लग जाएगा. सनातन धर्म और ज्योतिष में खरमास के दौरान शादी समेत सभी शुभ कार्यों को वर्जित बताया गया है. 2022 में खरमास खत्म होते ही एक बार फिर से शादियां शुरू हो जाएंगी.
ज्योतिषियों के अनुसार हर साल मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) और पौष माह 2021 (Poush Month) के बीच में खरमस लगता है. इस दौरान सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास की शुरुआत होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, जब खरमास या मलमास लगता है तो उस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य की चाल धीमी होती है इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी कार्य शुभ फल प्रदान नहीं करता है.