Shukra Dev: जन्म कुंडली के द्वादश भाव में शुक्र होने से मिलता है विलासी तथा धन वैभव

Shukra Dev venus in the 12th house of the kundali: कुंडली में अगर शुक्र बारहवें घर में रहे तो क्या प्रभाव पड़ता है. आइए जानें

By Shaurya Punj | July 5, 2024 12:12 PM

Shukra Dev: ज्योतिषशास्त्र में शुक्र को धन लक्ष्मी तथा वैभव के स्वामी कहा जाता है जैसे कुंडली में गुरु का उच्च होना जरुरी होता है वैसे ही शुक्र का प्रबल होना जरुरी होता है यह ग्रह धन के कारक है.शादी -विवाह में शुक्र ग्रहों का ठीक होना तथा उनके दशाओं का भी होना जरुरी होता है शुक्र अधिक प्रकाशवान है.शुक्र को उच्च होने से जातक के रहन -सहन को काफी प्रभावित करता है यह प्रेम भाषण का सूचक है.संगीत ,कला, साहित्य सभी शुक्र के अधीन में आते है आज आपको बता रहे है शुक्र जन्म कुंडली के बारह भाव में है व्यक्ति के जीवन में कैसा प्रभाव पड़ता है बारह भाव के शुक्र बहुत ही अशुभ फल देते है यह वृश्चिक,मकर ,कुम्भ लगन को छोड़कर अन्य लगन के लिए शुक्र किसी न किसी अशुभ स्थान का स्वामी होता है जिसे व्यक्ति का विचार ठीक नहीं रहता है कई तरह से जीवन में परेशानी बनती है .

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प्रायः ऐसा जातक गुप्त तरीके भोग विलास में लीन रहता है लेकिन शुक्र किसी शुभ ग्रह के साथ सम्बन्ध हो पर स्त्री के साथ सम्बन्ध में दिखावा में कमी होता है ऐसा करने से वयोक्ति के जीवन का सुख में कमी होता है है शुक्र पीड़ित हो या शनि या राहू जैसे पाप ग्रहों से अशुभ सम्बन्ध करता ही तो स्त्रियों की शत्रुता के कारण धन की हानि होती है .शुक्र अगर अग्नि राशि में हो जैसे सिंह,मेष वृश्चिक राशि में हो पत्नी के झगड़ालू स्वभाव की होती है लेकिन यदि शुक्र वायु राशि में हो पत्नी बहुत सुन्दर मिलती है, नौकरी करने के बाद भी व्यापार में इच्छा बनी रहती है ऐसा जातक कवि ,लेखक ,चित्रकार से सम्बंधित कार्य करते है. फिर भी व्यापार में ज्यादा मन लगता है लेकिन धन का लाभ साधारण रहता है, तथा ऋण चुकाते आयु समाप्त हो जाती है, ऐसा शुक्र द्विभावी योग भी बनता है स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है ,हाथ का अंगूठा बिना रोग के बेकार हो जाता है .

द्वादश भाव में शुक्र के अशुभ प्रभाव

बारह भाव में शुक्र के होने से व्यक्ति के जीवन में कई तरह से परेशानी बनती है दांपत्य जीवन सुखमय नहीं रहता है स्वस्थ्य ठीक नही रहेगा.

उपाय
शुक्र को प्रसन्न करने के लिए गाय को बछड़े सहित दान करें, चावल ,सुगंधित पदार्थ ,शुक्र वार को उपवास करें और शाम में मीठा भोजन करें. मोती ,सफेद वस्त्र ,कपूर का दान करें.

जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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