Mahadasha: व्यक्ति के जीवन में शुक्र की महादशा कितना शुभ-अशुभ, जानें किस स्थिति में मिलती है भौतिक सुख-सुविधा
Shukra Mahadasha: शुक्र ग्रह भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना के कारक माने जाते हैं. इनकी कृपा से ही आपने जीवन में बहुत सारा धन कमाते हैं और सुख-सुविधा से जीवन व्यातीत करते हैं.
Shukra Mahadasha: वैदिक ज्योतिष के अनुसार सभी 9 ग्रहों का संबंध हर व्यक्ति के जीवन से जुड़ा रहता है. व्यक्ति के ऊपर नवग्रहों की महादशा और अंतर्दशा चलती है. ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन सुखमय भी बना रहता है और जीवन में तरह-तरह की परेशानियां भी आती हैं. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य अम्बरीश मिश्र से यहां हम बात करने जा रहे हैं वैभव और ऐश्वर्य के दाता शुक्र ग्रह की महादशा के बारे में, जिसका प्रभाव 20 साल तक मनुष्य के ऊपर रहता है. शुक्र ग्रह भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना के कारक माने जाते हैं.
शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है
शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है. शुक्र ग्रह धन-दौलत, भोग-विलासिता, वैभव, प्रेम-सौंदर्य और रोमांस का कारक ग्रह हैं. ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह उच्च के हों या फिर शुभ ग्रहों के साथ शुभ भाव में विराजमान हों तो ऐसे व्यक्ति को हमेशा ही भाग्य का साथ मिलता है. व्यक्ति धन-दौलत, भोग विलासिता और ऐशोआराम के साथ जीवन व्यतीत करता है. ऐसे लोग अपने जीवन में बहुत सारा धन कमाते हैं और सुख-सुविधा से जीवन व्यातीत करते हैं.
शुक्र की महादशा 20 वर्षों की होती है
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह की महादशा सबसे ज्यादा साल तक चलती है. शुक्र की महादशा 20 वर्षों की होती है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में शुक्र शुभ होते हैं और शुक्र की महादशा चलने पर 20 वर्षों का ऐशोआराम और आलीशान जिंदगी बिताते हैं. इन 20 सालों में व्यक्ति राजा जैसा जीवन जीता है. शुक्र ग्रह तुला और वृष राशि के स्वामी होते हैं. शनि ग्रह के साथ इनका मित्रता का भाव है. वहीं अगर व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह नकारात्मक स्थित हों तो व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में परेशानियां का सामना करना पड़ता हैं. इसके साथ ही छोटी-छोटी बातों पर पती-पत्नि के बीच मतभेद होते हैं. वहीं व्यक्ति को भौतिक सुख प्राप्त नहीं होता हैं और व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है.
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शुक्र ग्रह की महादशा का जीवन में प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में हर व्यक्ति को शुक्र ग्रह की महादशा का सामना करना पड़ता है. वहीं शुक्र अपनी महादशा में कैसा फल प्रदान करेंगे. शुक्र ग्रह व्यक्ति की जन्म कुंडली में कहां और किस स्थिति में विराजमान हैं इस पर निर्भर करता है. अगर शुक्र ग्रह कुंडली में अशुभ (नीच) के विराजमान हैं तो व्यक्ति को शुक्र ग्रह की दशा में शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक कष्टों से गुजरना पड़ता है. इसके साथ ही व्यक्ति को भौतिक सुख प्राप्त नहीं होते हैं. वहीं वीक शुक्र ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति की कामुक शक्ति बहुत कमजोर हो जाती है और गुप्त रोग हो सकते हैं. इतना ही नहीं किडनी से संबंधित बीमारी होने का सामना करना पड़ता है. कुंडली में शुक्र के कमजोर होने से व्यक्ति को आंखों से सबंधित रोग होते हैं. वहीं जब महिलाओं की कुंडली में शुक्र कमजोर होते हैं तो गर्भपात भी करा सकते हैं.
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कुंडली में जब शुक्र शुभ स्थित हो तो…
जन्मकुंडली में अगर शुक्र ग्रह उच्च यानी शुभ स्थित हो तो शुक्र की महादशा में व्यक्ति को धन और वैभव की प्राप्ति होती है. सभी प्रकार की भौतिक सुख-सुविधा प्राप्त होती है. इसके साथ ही व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है. मजबूत शुक्र व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है. यह पति-पत्नी के बीच प्रेम की भावना को बढ़ाता है. शुक्र ग्रह के मजबूत होने से व्यक्ति को सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. व्यक्ति खर्चीला होता है. इसके साथ ही वह जीवन में सभी सुखों को भोगता है. उसके जीवनसाथी के साथ संबंध भी अच्छे रहते हैं.
शुक्र की महादशा में अंतर्दशा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह की महादशा के दौरान शनि और राहु ग्रह की अंतर्दशा चलती है. शुक्र ग्रह की महादशा के दौरान आने वाली इस अंतर्दशा का फल अलग-अलग मिलता है. इसमें कुछ ग्रहों की अंतर्दशा शुभ होती है तो कुछ अशुभ फल देते हैं. जिन जातकों की कुंडली में शुक्र अगर पीड़ित हो या फिर नीच का हो उसमें शुक्र ग्रह की महादशा बहुत ही परेशान करने वाली होती है. ऐसी दशा में व्यक्ति का जीवन कष्टकारी बना रहता है और भाग्य का साथ नहीं मिलता है.
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शुक्र की महादशा के उपाय
शुक्र ग्रह की महादशा चलने पर जातकों के जीवन में हमेशा ही सुख और संपन्नता बनी रहती है. अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह नीच के होते हैं तो शुक्र की महादशा चलने पर भी अशुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में शुक्र नीच के हों या फिर शुभ फल देने में असमर्थ हो तो ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं. जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हैं, उन्हें हर शुक्रवार के दिन शुं शुक्राय नम: का 108 बार जाप करना चाहिए. इसके अलावा शुक्रवार के दिन चीटिंयों को आटा और चीनी खिलाना चाहिए. वहीं कुंडली में कमजोर शुक्र ग्रह को मजबूत बनाने के लिए सफेद चीजों का दान करना चाहिए. आप दूध, दही, घी, कपूर और सफेद कपड़ों का दान कर सकते हैं.