Skand Shashthi 2024: स्कंद षष्ठी हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पड़ती है. स्कंद षष्ठी भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान मुरुगन या स्कंद को समर्पित है. इस माह आज यानी 9 सितंबर को स्कंद षष्ठी मनाया जा रहा है. आइए जानें ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से इसका शुभ मुहूर्त और इस दिन किन मंत्रों का करें जाप
स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त क्या है ?
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की 08 सितंबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर शुरू हो चुकी है. आज यानी 09 सितंबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर इस तिथि का समापन होने वाला है. ऐसे में स्कंद षष्ठी आज 09 सितंबर को मनाया जा रहा है.
कौन हैं स्कंद देव ?
स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त क्या है ?
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की 08 सितंबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर शुरू हो चुकी है. आज यानी 09 सितंबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर इस तिथि का समापन होने वाला है. ऐसे में स्कंद षष्ठी आज 09 सितंबर को मनाया जा रहा है.
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स्कंद षष्ठी की पूजा विधि
स्कंद षष्ठी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और पवित्र वस्त्र धारण करें.
इसके बाद पूजा के लिए सफेद कपड़े पर भगवान स्कंद की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें
भगवान स्कंद की प्रतिमा या चित्र पर स्नान कराएं, दूध, दही, शहद, गंगाजल आदि से अभिषेक करें.
भगवान स्कंद को पुष्प अर्पित करें और उन्हें समर्पित मन से पूजा करें.
भगवान को धूप और दीपक दिखाएं और आरती करें.
भगवान को ताजे फल, मिठाई और अन्य प्रसाद अर्पित करें.
भगवान स्कंद के मंत्रों का जाप करें जैसे “ॐ स्कंदाय नमः”, “ॐ कुमाराय नमः”, “ॐ मुरुगाय नमः” आदि.
स्कंद षष्ठी के दिन इन मंत्रों का भी करें जाप
“ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात”..
या
“ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा, देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते” .
स्कंद षष्ठी के दिन इन चीजों का करें परहेज
स्कंद षष्ठी के दिन व्रती को मांसाहार भोजन के अलावा प्याज, लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए. ब्राह्मी का रस और घी का सेवन कर सकते हैं और रात्रि को जमीन पर सोना चाहिए.