Som Pradosh Vrat 2024: इस दिन रखा जाएगा सोम प्रदोष व्रत, जानें डेट, शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Som Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है. आइए जानते है वैशाख मास के प्रदोष व्रत कब पड़ रहा है. इस दिन पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त कब से कब तक है.

By Radheshyam Kushwaha | May 14, 2024 5:08 PM
an image

Som Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत भगवान शंकर को अति प्रिय है. महीने में दो प्रदोष व्रत आते हैं, इस बार यह व्रत 20 मई दिन सोमवार को रखा जाएगा. सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. ज्योतिष की दृष्टि से सोमवार को सोम प्रदोष व्रत का पड़ना एक शुभ संयोग है, क्योंकि दोनों ही दिन शिव जी को बहुत प्रिय हैं. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और अपने परिवार की उन्नति के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. कहा जाता है यह व्रत भोलेनाथ को अति प्रिय है, जो लोग इस पवित्र दिन पर शाम के समय भगवान शंकर की विधि विधान से पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. तो आइए इसकी तिथि और पूजा विधि को जानते हैं…

कब है सोम प्रदोष व्रत 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की ​त्रयोदशी तिथि 20 मई 2024 दिन सोमवार दोपहर 03 बजकर 58 पर शुरू होगी. वहीं, ​इस तिथि का समापन अगले दिन 21 मई दिन मंगलवार शाम 05 बजकर 39 मिनट पर होगा. त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल 20 मई को पड़ रहा है, इसलिए सोम प्रदोष व्रत 20 मई को रखा जाएगा.

प्रदोष व्रत पूजा-सामग्री

लाल या पीला गुलाल, अक्षत, कलावा, चिराग, फल, फूल, सफेद मिठाई, सफेद चंदन, बेलपत्र, धागा, कपूर, धूपबत्ती, घी, गुड़, शक्कर, गन्ने का रस, गाय का दूध, अबीर, धतूरा, भांग, जनेऊ, अगरबत्ती, दीपक, आक के फूल, 5 प्रकार के मौसमी फल आदि चीजें पूजा में अवश्य शामिल करें.

Also Read: Mohini Ekadashi 2024: इन चीजों के बिना अधूरी है मोहिनी एकादशी की पूजा, अभी नोट करें सामग्री लिस्ट

सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  • पूजा प्रारंभ करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के सामने व्रत का संकल्प लें.
  • एक वेदी पर शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें.
  • गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह साफ कर लें.
  • देसी घी का दीपक जलाकर प्रतिमा को फूल और माला से सजाएं.
  • प्रतिमा को चंदन व कुमकुम का तिलक लगाएं.
  • भगवान शिव-पार्वती को खीर, हलवा, फल,और मिठाइयों का भोग लगाएं.
  • प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें.
  • प्रदोष पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी मानी जाती है, इसलिए प्रदोष काल में ही पूजा करें.
  • व्रती अगले दिन सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें.
  • व्रत के दौरान सिर्फ फलाहार करें.
  • पंचाक्षरी मंत्र
  • ॐ नम: शिवाय.

ज्योतिष संबंधित चुनिंदा सवालों के जवाब प्रकाशित किए जाएंगे
यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.

Exit mobile version