Som Pradosh Vrat 2024: 50 साल बाद दुर्लभ संयोग में वैशाख शुक्ल सोम प्रदोष व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Som Pradosh Vrat 2024: आज प्रदोष व्रत के दिन सोमवार पड़ रहा है और इस​लिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा गया है. सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसका महत्व दोगुना हो जाता है.

By Shaurya Punj | September 23, 2024 2:01 AM
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Som Pradosh Vrat 2024: इस साल 20 मई को वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ज्योतिषियों के अनुसार इस बार यह व्रत बेहद खास संयोग में पड़ रहा है. करीब 50 साल बाद इतना शुभ संयोग बन रहा है, जिससे इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है.

शिव की कृपा पाने का सुनहरा अवसर

सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस साल सोम प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है, जिसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है और इसे और भी शुभ माना जाता है.

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क्या है खास संयोग?

ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार सोम प्रदोष व्रत के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. सोमवार के अलावा इस दिन मंगल प्रधान चित्रा नक्षत्र और सर्व सिद्धि कारक सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. साथ ही, गोचर लग्न में सूर्य, गुरु और शुक्र ग्रहों की युति भी शुभ फलदायी मानी जा रही है.

कब है पूजा का सही समय?

पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 मई को दोपहर 3 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 21 मई को शाम 5 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी. प्रदोष काल का समय 20 मई को शाम 7 बजकर 8 मिनट से लेकर 9 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भगवान शिव की पूजा करना विशेष फलदायी होगा.

पूजा विधि

सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
भगवान शिव का ध्यान करें.
नंदी जी की प्रतिमा स्थापित कर उनका भी पूजन करें.
शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी और शहद से अभिषेक करें.
बेल पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चढ़ाएं.
शिव मंत्रों का जाप करें और आरती करें.
रात्रि में फलाहार ग्रहण करें.
अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें.

यदि आप व्रत नहीं रख पा रहे हैं, तो भी आप इस दिन भगवान शिव की पूजा अवश्य करें.अपनी क्षमतानुसार दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की मदद करें.
ऐसा माना जाता है कि सोम प्रदोष व्रत विधि-विधान से करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, मनोवांछित फल मिलते हैं, पापों से मुक्ति मिलती है, रोग दूर होते हैं, ग्रहों के दोष कम होते हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.

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सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि क्या है?

पूजा विधि में सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनना, शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी और शहद से अभिषेक करना, बेल पत्र चढ़ाना, शिव मंत्रों का जाप और आरती करना शामिल है.

सोम प्रदोष व्रत 2024 कब रखा जाएगा?

सोम प्रदोष व्रत 2024 में 20 मई को वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाएगा.

सोम प्रदोष व्रत का महत्व क्या है?

सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत इस साल एक विशेष योग में पड़ रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है.

क्या खास संयोग बन रहा है इस साल के सोम प्रदोष व्रत में?

इस साल सोम प्रदोष व्रत के दिन मंगल प्रधान चित्रा नक्षत्र और सर्व सिद्धि कारक सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है, साथ ही सूर्य, गुरु और शुक्र ग्रहों की युति भी शुभ फलदायी मानी जा रही है.

सोम प्रदोष व्रत की पूजा का सही समय क्या है?

प्रदोष काल 20 मई को शाम 7:08 बजे से 9:12 बजे तक रहेगा, इस दौरान भगवान शिव की पूजा करना विशेष फलदायी होगा.

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