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Somvati Amavasya 2021: सोमवती अमावस्या कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व

Somvati Amavasya 2021: हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व है. अमावस्या हर महीने में कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को कहा जाता है. इस बार अमावस्या तिथि 12 अप्रैल दिन सोमवार को पड़ रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2021 3:52 PM

Somvati Amavasya 2021: हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व है. अमावस्या हर महीने में कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को कहा जाता है. इस बार अमावस्या तिथि 12 अप्रैल दिन सोमवार को पड़ रही है. साल 2021 में केवल एक ही सोमवती अमावस्या पड़ रही है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते है.

सोमवती अमावस्या के दिन व्यक्ति भगवान शिव की पूजा अर्चना करके कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बलवान कर सकता है. इस दिन किए गए दान का भी विशेष महत्व होता है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन किए गए दान से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. अमावस्या तिथि कालसर्प दोष पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण होती है.

सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त

  • तिथि प्रारंभ: 11 अप्रैल 2021 दिन रविवार सुबह 6 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगा.

  • तिथि समाप्त: अमावती तिथि का समापन 12 अप्रैल दिन सोमवार की सुबह 8 बजे हो जाएगा.

सोमवती अमावस्या का महत्व

सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की पूजा की जाती है. इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए.

वहीं, इस दिन पितर देवताओं की पूजा और उनका श्राद्ध करने की परंपरा है. सोमवती अमावस्या के दिन पूजा करने पर व्यक्ति के कुंडली के पितृदोष कम होता है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन जो भी व्यक्ति उपवास रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

पूजा विधि

सोमवती अमावस्या के दिन सुबह स्नान करना चाहिए. इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहन कर उपवास का संकल्प लें, उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. पितरों के निमित्त तर्पण करें. साथ ही जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें. हो सके, तो सोमवती अमावस्या के दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू या फिर तुलसी के पेड़ का वृक्षारोपण भी करना चाहिए.

सोमवती अमावस्या के उपाय

सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व है. अगर आप पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते, तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से आप सभी बीमारियों से बच सकते हैं. सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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