Loading election data...

Suryagrahan 2020 date and time : साल का आखिरी सूर्यग्रहण आज, जानिये इन सवालों के जवाब

साल का अंतिम सूर्यग्रहण 14 दिसंबर, 2020 को भारतीय समयानुसार शाम 07:03 बजे से 15 दिसंबर की रात को 12:23 बजे के मध्य घटित होगा. यह सूर्यग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा. यह दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका, अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में नजर आयेगा

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2020 7:12 AM

साल का अंतिम सूर्यग्रहण 14 दिसंबर, 2020 को भारतीय समयानुसार शाम 07:03 बजे से 15 दिसंबर की रात को 12:23 बजे के मध्य घटित होगा. यह सूर्यग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा. यह दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका, अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में नजर आयेगा. मंगल की राशि वृश्चिक, ज्येष्ठा नक्षत्र, शूल योग और कौलव करण में घटित होनेवाला यह योग अनुकूल फलों का सृजन नहीं कर रहा है. ज्योतिषीय नियमों के अनुसार यह ग्रहण विश्व में अशांति और बेचैनी का सूत्रपात करेगा. आंदोलन, आगजनी और परस्पर तनाव में वृद्धि के संकेत हैं.

Qग्रहणकाल को अशुभ क्यों मानते हैं?

– रुपम सेठ, रांची

ग्रहण को अशुभ समझना भारी भूल है. ग्रहण का शाब्दिक अर्थ है- ग्राह्य करना, अंगीकार करना या प्राप्त करना. वैसे तो यह एक खगोलीय घटना है, जिस दिन पराबैंगनी किरणों की गति बदल जाती है और रेडियो सक्रियता में परिवर्तन हो जाता है, पर आध्यात्मिक मान्यताएं इसे आत्मिक उन्नति का काल मानती हैं. प्राचीन मनीषियों ने इस काल में भौतिक कर्म से पृथक होकर एकाग्रता पर ध्यान देकर आत्मिक उत्कर्ष की ओर प्रेरित किया था, जिसे हमने भूलवश अशुभ समझ लिया. यह अंतर्जागरण के लिए बहुत अद्भुत काल है.

Qक्या ज्योतिष में हथेली की लालिमा ब्रेन स्ट्रोक का संकेत देती है? मेरी हथेली हमेशा लाल रहती है.

– विजय यादव, सासाराम

हथेली और हस्त रेखाओं का अध्ययन ज्योतिष नहीं, सामुद्रिक शास्त्र यानी हस्त रेखा विज्ञान का विषय है. सामुद्रिक शास्त्र में रक्त वर्ण यानी लाल रंग की हथेली को ऐश्वर्य का पर्याय माना जाता है. जिनकी हथेली में लालिमा ज्यादा हो, उनके जीवन में अन्य लोगों की अपेक्षा संघर्ष कम और आनंद अधिक होता है. उनका भौतिक जीवन आनंद की छांव में बीतता है. अतः आपको इनसे बचने के किसी उपाय की आवश्यकता नहीं है.

Qमहोदरी क्या है? किसी ने बताया है कि महोदरी में जन्मा व्यक्ति दरिद्र हो जाता है. क्या यह सच है?

– प्रणव झा, आरा

महोदरी सूर्य की बारह संक्रांतियों में से एक है. ज्योतिषीय सूत्र कहते हैं महोदरी के साथ मंदाकिनी, मिश्रा, ध्वांक्षी, मंदा, घोरा और राक्षसी में जन्म लेनेवाला आर्थिक दुष्चक्र में फंसता है. असहायों की सहायता, नवग्रह यज्ञ करने, नारायणी की उपासना और उत्तरमुखी मकान में निवास करने से कष्टों में कमी होती है.

दक्षिण दिशा को अशुभ समझना भूल है. यह दिशा समृद्धि और आनंद की दिशा मानी जाती है. दक्षिण और पश्चिम में वार्डरोब, आलमारी या भारी सामान सुख-शांति, समृद्धि व आरोग्य में वृद्धि करते हैं. इस दिशा में उत्तर या पूर्व की ओर खुलने वाले लॉकर शुभ फल देते हैं. हल्की होने पर यह दिशा शुभ फल नहीं देती. किसी भी प्रकार का खुलापन, शौचालय आदि नहीं होना चाहिए.

उपाय, जो जीवन बदले : यदि शारीरिक विकार घेरे रहते हों, मान-सम्मान न मिल रहा हो, तरक्की में बाधा आ रही हो, धन फंस जाता हो या कुंडली में सूर्य खराब हो, तो लाल मिर्च के बीज युक्त जल से सूर्य को अर्घ्य देने, बुजुर्गों को आदर देने व गायों को रोटी और गुड़ अर्पित करने से लाभ होगा, ऐसा मान्यताएं कहती हैं.

Also Read: Kharmas 2020, Date and Time : इस दिन से शुरू हो रहा है खरमास, जानिये खरमास में किसकी करें पूजा

Posted by : Pritish sahay

Next Article

Exit mobile version