इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) 21 जून को लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है. ज्योतिष अनुसार इस ग्रहण के बाद ऐसे योग बनेंगे जिससे कोरोना का संकट खत्म होना शुरू हो जायेगा और सितंबर तक स्थिति अनुकूल होने के आसार हैं. कोरोना वायरस का प्रकोप देश में कब कम होगा यह जानने के लिए सभी लोग परेशान है. इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमितों की रफ्तार और तेज होती जा रही है. माना जा रहा है कि 21 जून को लग रहा सूर्य ग्रहण के बाद कुछ कोरोना वायरस का प्रभाव कम होगा.
इस सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव सभी राशियों पर पड़ने वाला है. ग्रहण के समय सूर्य भगवान मिथुन राशि में विराजमान होंगे, जिस कारण इस राशि के लोगों पर इस ग्रहण का सबसे अधिक असर पड़ेगा. भारत में सूर्यग्रहण का प्रारंभ सुबह 10 बजकर 31 मिनट के करीब होगा और इसकी समाप्ति 02 बजकर 04 मिनट पर होगा. ग्रहण की कुल अवधि 03 घंटे 33 मिनट की होगी. दोपहर 12:18 बजे के करीब ग्रहण अपने पूर्ण प्रभाव में रहेगा.
21 जून को सूर्य ग्रहण लगने के बाद फिर 05 जुलाई को चंद्र ग्रहण लगेगा. इसके बाद साल के अंत में 14 दिसंबर को एक और सूर्य ग्रहण लगेगा. 21 जून को पड़ने जा रहा सूर्य ग्रहण कुंडलाकार (वलयाकार) है. कुंडलाकार ग्रहण ‘रिंग ऑफ फायर’ बनाता है, लेकिन यह पूर्ण ग्रहण से अलग होता है. सूर्य ग्रहण भारत, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया, पाकिस्तान और चीन सहित अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. ग्रहण का सूतक 20 जून की रात 09:25 PM से शुरू हो जायेगा.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. जिससे ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर न पड़ सकें, इसलिए ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है.
इस बात का भी ध्यान रखें कि यदि आप सूर्य ग्रहण का गवाह बनना चाहते हैं, तो इसे नग्न आंखों से देखने का प्रयास न करें. नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से ग्रहण को देखना सुरक्षित है.