सूर्य ग्रहण के लगने के बाद 15 दिनों के अंतराल पर साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगेगा. हिंदू धर्म और ज्योतिष में सूर्य ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. सूर्य ग्रहण के दौरान और सूतक काल में कुछ कामों को करने की मनाही भी होती है. ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है.
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण को भारत से नहीं देखा जा सकेगा. यह ग्रहण मुख्यरूप से अफ्रीका के पश्चिमी हिस्से, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, नॉर्थ अमेरिका और साउथ अमेरिका से देखा जा सकता है. भारत से सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा इस चलते भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. क्योंकि सूतक काल तब लगता है जब ग्रहण दिखाई देता है. लेकिन गर्भवती महिलाओं पर इस ग्रहण का अशुभ प्रभाव जरूर पड़ेगा. क्योंकि कि सूर्य ग्रहण के दौरान नाकारात्मक किरणें उन जगहों तक पहुंचती है, जहां-जहां सूर्य का प्रकाश पहुंचता है. हालांकि सूर्य ग्रहण जहां पर दिखाई देता है, उन जगहों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है.
सूर्य ग्रहण को लेकर गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ नियम बताए गए हैं. ये नियम इस बात को ध्यान में रखकर बताए गए हैं कि ग्रहण के दौरान सूर्य से हानिकारक किरणें निकलती हैं, जिसके कारण नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है. इससे गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे शिशु को सेहत संबंधी समस्या होने की आशंका रहती है.
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए. ऐसा करना उन पर और उनके बच्चे पर नकारात्मक असर डाल सकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने से बचना चाहिए. मान्यता है कि इससे बच्चे में शारीरिक दोष पैदा हो सकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को भूलकर भी चाकू- कैंची या किसी धारदार चीज का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिलाओं को स्नान कर लेना चाहिए. यदि ऐसा संभव ना हो पाए तो कम से कम मुंह-हाथ धोकर कपड़े बदल लें.
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद स्नान करना चाहिए. ग्रहण काल के दौरान मंत्र जाप करना या भगवान की भक्ति करना चाहिए.
गर्भवती महिला पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव न पड़े इसके लिए उन्हें तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए.