Surya Grahan 2024 Date: हजारों साल का रिकार्ड तोड़ेगा सूर्य ग्रहण, 150 साल बाद बनेगी ऐसी स्थिति, जानें सूतक काल का समय
Surya Grahan 2024 Date: सूर्य ग्रहण अप्रैल में लगने वाला है. सूर्य ग्रहण का प्रभाव वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही तरह से अपना प्रभाव डालता है. यह ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी कि खग्रास सूर्य ग्रहण होगा. आइए जानते है कि सबसे लंबा सूर्य ग्रहण कब लगा था और कब लगेगा.
Surya Grahan 2024 Date: अप्रैल महीने में लगने जा रहा सूर्य ग्रहण कई वजहों से खास होगा. क्योंकि सात साल में यह दूसरी बार पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल दिन सोमवार को लगेगा. यह खगोलीय घटना ऐसे समय में होने जा रही है, जब सूर्य अपनी पीक एक्टिविटी पर होंगे. हर बार सूर्य ग्रहण एक जैसा नहीं लगता है और हर जगह एक जैसा नजर भी नहीं आता है. सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं. पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण होते हैं.
कब लगा था सबसे लंबा सूर्य ग्रहण?
नासा के अनुसार अब तक का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण 15 जून 743 ईसा पूर्व लगा था. उस समय सूर्य ग्रहण की अवधि 7 मिनट 28 सेकंड थी. इस सूर्य ग्रहण को हजारों साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक इतना लंबा सूर्य ग्रहण नहीं लगा है. हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि 150 साल के बाद जो सूर्य ग्रहण लगने वाला है वह इस सूर्य ग्रहण की सीमा को पार कर सकता है. जानकारी के अनुसार 16 जुलाई 2186 में सूर्य ग्रहण लगेगा, जो फ्रेंच गुयाना के तट से अटलांटिक महासागर को पार कर सकता है. यह सूर्य ग्रहण लगभग 7 मिनट 29 सेकंड का रह सकता है.
कब लगेगा सूर्य ग्रहण
ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 दिन सोमवार को चैत्र मास की अमावस तिथि को लगेगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. क्योंकि सूर्य ग्रहण की शुरुआत 8 अप्रैल की रात 09 बजकर 12 मिनट पर होगी और रात 1 बजकर 25 मिनट तक रहने वाला है, इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनट तक रहेगी. 8 अप्रैल को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा. यह ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी कि खग्रास सूर्य ग्रहण होगा.
कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
NASA के अनुसार यह पू्र्ण सूर्य ग्रहण मैक्सिको से शुरू होकर अमेरिका के टेक्सस से गुजरेगा. यह सूर्य ग्रहण अमेरिका के 13 राज्यों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा, इसके अलावा कनाडा और मेक्सिको में भी देखा जाएगा. यह सूर्य ग्रहण दक्षिण-पश्चिम यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम एशिया, दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में देखा जा सकेगा.
सूतक काल का समय
सूतक काल का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है. सूतक काल के समय को दूषित काल माना जाता है. क्योंकि इस दौरान वातावरण में कई नकारात्मक तत्व मौजूद रहते हैं, इस समय को अशुभ माना गया है. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है, वहीं चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण लगने के लगभग 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है, जो ग्रहण के खत्म होने तक रहता है. सूतक काल 8 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 12 मिनट पर लग जाएगा. हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूतक काल उन जगहों पर मान्य होगा, जहां पर सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान
ग्रहण के समय सुई में धागा नहीं डालना चाहिए, इसके साथ ही कुछ काटना, छीलना, कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिए. ग्रहण के समय मंदिर के मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए. ग्रहण के समय सूर्यदेव का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का तेज आवाज में उच्चारण करना चाहिए, इसके साथ ही ग्रहण के दौरान नाखून कांटना, बालों में कंघी करना और दांतों की सफाई करना अशुभ माना जाता है. वहीं ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए.
गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान
सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने बच्चे को सूर्य की किरणों से बचा कर रखना चाहिए. ग्रहण के समय भूलकर भी घर के बाहर नहीं जाना चाहिए. ऐसा माना जाता है ग्रहण के समय अगर प्रगनेंट महिलाएं घर के बाहर जाती है तो होने वाली बच्चे पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.