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Surya Grahan 2024: 54 साल बाद लगने जा रहा पूर्ण सूर्य ग्रहण, रात जैसी होगी अनुभूति, दिखेगा अद्भुत नाजारा

Surya Grahan 2024: 8 अप्रैल 2024 दिन सोमवार को चैत्र मास की अमावस तिथि को सूर्य ग्रहण लगेगा, ऐसा सूर्य ग्रहण 54 साल बाद लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण अमेरिका के 13 राज्यों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा, इसके अलावा कनाडा और मेक्सिको में भी यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. वहां पर दिन में रात होने जैसी अनुभूति होगी, इसके साथ ही तापमान में गिरावट आ जाएगी.

Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दोनों ही अधिक महत्व है. सूर्य ग्रहण का देश-दुनिया पर शुभ व अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है. सूर्य ग्रहण एक नहीं बल्कि तीन प्रकार के होते हैं. पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण. यह सूर्यग्रहण बेहद खास है. क्योंकि ये घटना 54 साल बाद हो रही है, इसके बाद फिर ऐसा सूर्य ग्रहण 2078 में लगेगा. नासा के अनुसार जब चंद्रमा 2400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से सूर्य के सामने से निकलेगा, तब उत्तरी अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. इससे पहले 1970 में यह सूर्य ग्रहण हुआ था, इसके बाद 2078 में होगा. वैज्ञानिकों के अनुसार पूरे उत्तरी अमेरिका में पाथ ऑफ टोटैलिटी यानी सूरज के सामने चंद्रमा के आने से धरती पर जो परछाई बनेगी, जो 185 किलोमीटर चौड़ी होगी. यह मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा में पड़ेगी. करीब 100 मिनट तक यह पाथ बनता रहेगा, इसके बाद सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा.

कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
8 अप्रैल 2024 दिन सोमवार को चैत्र मास की अमावस तिथि को ग्रहण लगेगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल नहीं लगेगा. NASA का कहना है कि यह पू्र्ण सूर्य ग्रहण मैक्सिको से शुरू होकर अमेरिका के टेक्सस से गुजरेगा. यह सूर्य ग्रहण अमेरिका के 13 राज्यों में पूर्ण रूप से दिखाई देगा, इसके अलावा कनाडा और मेक्सिको में भी यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. यह सूर्य ग्रहण दक्षिण-पश्चिम यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम एशिया, दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव, दक्षिणी ध्रुव, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण की पूरी लोकेशन की जानकारी आप नासा के ब्लॉग पर जाकर भी ले सकते हैं.

रात्रिचर जीव हो जाएंगे सक्रिय

नासा के मुताबिक पाथ ऑफ टोटैलिटी के रास्ते में जो इलाके आ रहे हैं, उसमें 4 करोड़ लोग रहते हैं. इस अंधेरे वाले रास्ते में जो भी इलाके आएंगे, वहां पर दिन में रात होने जैसी अनुभूति होगी, इसके साथ ही तापमान में गिरावट आ जाएगी. रात्रिचर जीव यानी रात में एक्टिव होने वाले जीव सक्रिय हो जाएंगे और कुछ देर के लिए कन्फ्यूज होंगे. क्योंकि थोड़ी देर बाद ही फिर से सूर्य निकलेंगे, तो उन्हें समझने में दिक्कत आएगी. जानकारों के अनुसार, यह जीवन में एक बार होने वाली प्राकृतिक घटना है. चंद्रमा धरती के 223 चक्कर लगाता है, जब यह 669वां चक्कर होता है, तब इस तरह का सूर्यग्रहण होता है.

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54 साल 33 दिन के बाद फिर दिखता है ऐसा नाजारा
नासा के अनुसार यह घटना 6,585.3 दिन के बाद होता है. आप इसे 18 साल, 11 दिन और 8 घंटे कह सकते है. इसमें जो 8 घंटे का समय है, इसी में सूर्य ग्रहण लगता है. यह सैरोस 139 का हिस्सा है. सैरोस का यही आठ घंटे इस बात की पुष्टि करते हैं कि हर 54 साल 33 दिन बाद इसी तरह का सूर्यग्रहण होगा.

इससे पहले कब दिखा था ऐसा सूर्य ग्रहण
NASA के अनुसार इसके पहले ऐसा सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका में 7 मार्च 1970 को दिखाई दिया था, तब इसका पाथ मेक्सिको, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, साउथ कैरोलिना, नॉर्थ कैरोलिना, मैसाच्युसेट्स और कनाडा का कुछ हिस्सा था. 8 अप्रैल 2024 दिन सोमवार के बाद 11 मार्च 2078 में ऐसा ही सूर्यग्रहण होगा. उस समय मेक्सिको, लुइसियाना, मिसिसिप्पी, अलबामा, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, साउथ कैरोलिना, नॉर्थ कैरोलिना और वर्जीनिया में पाथ ऑफ टोटैलिटी बनेगी.

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