Surya Grahan 2024: सर्वपैतृ अमावस्या पर लग रहा है साल का दूसरा सूर्यग्रहण, जानें पड़ेगा क्या प्रभाव

Surya Grahan 2024: साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को पितृपक्ष अमावस्या के दिन लगने वाला है. सर्वपितृ अमावस्या तिथि को तर्पण, श्राद्ध,पिंडदान के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है. अपने पितृ के नाम से इस दिन तर्पण करते है. जानें ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से इसके बारे में जानकारी

By Shaurya Punj | September 28, 2024 8:47 AM

Surya Grahan 2024:  ज्योतिषीय गणना के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष की स्नान-दान की श्राद्धादि की अमावस्या,सर्वपैतृ अमावस्या,महालया,बुधवार को कंकणाकृत सूर्य ग्रहण,बलयग्रास सूर्य ग्रहण लग रहा है. आइए जानें ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से इसके बारे में विस्तृत जानकारी

कब से होगा सूर्यग्रहण प्रारंभ

जिसका प्रारम्भ 2 अक्टूबर 2024 रात्रि 9.13 बजे तथा समाप्ति 3 अक्टूबर 2024,बृहस्पतिवार प्रातः 3.17 मि. पर होगा.ग्रहण का स्पर्श (आरंभ) रात्रि 9.13 मि.बलयग्रास,कंकणाकृत,रिंग ऑफ फायर का आरम्भ रात्रि 10.24 मि.,ग्रहण मध्य रात्रि 12.15 मि.,बलयग्रास की समाप्ति रात्रि 2.06 मि.,ग्रहण मोक्ष (समाप्ति) रात्रि 3.17 मिनट,ग्रासमान-0.9318,ग्रहण स्थिति 6.04 मिनट,बलयग्रास,कंकाणाकृत की स्थिति 3.42 मिनट.

हस्त नक्षत्र में लगेगा सूर्य ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि,हस्त नक्षत्र में लगेगा.ग्रहस्थिति के अनुसार सूर्य के साथ चन्द्रमा,बुध और केतु स्थित होंगो,देवगुरू बृहस्पति और ग्रहों के सेनापति मंगल की पूर्ण दृष्टि होंगे,शनि कुंभ राशि में,शुक्र तुला राशि में,राहु मीन राशि में होंगे.यह बलयग्रास सूर्यग्रहण बहुत ही महत्वपूर्ण है.इसलिए कि सूर्य़ रिंग ऑफ फायर,आग की छल्ले की तरह सूर्य को काफी लंबे समय तक दिखाई देगा.

 सूर्यग्रहण के दौरान सूतक काल

 सूर्यग्रहण के दौरान सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है.हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा.इसलिए इस ग्रहण का कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा.लेकिन ग्रहण जहाँ दिखाई देगा वहाँ   सूतक काल मान्य होगा.लेकिन ग्रहणकाल समय शास्त्रीय नियमों का पालन करना आवश्यक है.इस सूर्यग्रहण के आरंभ के समय तथा मोक्ष अर्थात् समाप्ति के बाद  स्नान-दान की विशेष महत्व है.इस सूर्यग्रहण के समय आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ,गायत्री मंत्र का जाप,महामृत्युजंय मंत्र का जाप,सूर्य मंत्र का जाप करने से विशेष शुभफल की की प्राप्ति होती है.सूर्यग्रहण के बाद दान करने से पितृदोष से छुटकारा मिलती है तथा पुण्य की प्राप्ति होती है.

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