Surya Grahan December 2020 Date, Timings Live Updates : कितने बजे से लगेगा सूर्य ग्रहण, ग्रहण का भारत में क्या है असर, सभी जानकारियां यहां

Surya Grahan Solar Eclipse December 2020 Date and Time in India, Timings Kab Hai, Kab Lagega Padega Samay, कितने बजे से लगेगा सूर्य ग्रहण : 14 दिसंबर दिन सोमवार को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2020) लग रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. भारतीय समय के अनुसार ये ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2020 11:53 AM

मुख्य बातें

Surya Grahan Solar Eclipse December 2020 Date and Time in India, Timings Kab Hai, Kab Lagega Padega Samay, कितने बजे से लगेगा सूर्य ग्रहण : 14 दिसंबर दिन सोमवार को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2020) लग रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. भारतीय समय के अनुसार ये ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी.

लाइव अपडेट

सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक में रहेंगे पांच ग्रह

ज्योतिष के अनुसार 2020 का आखिरी सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा. इस दौरान सूर्य के साथ पांच ग्रह मौजूद रहेंगे. वृश्चिक राशि में सूर्य के अलावा शुक्र, बुध, चंद्र और केतु भी मौजूद रहेंगे. इन सभी ग्रहों के विशेष योग से अमावस्या प्रत, स्नान आदि का पुण्य कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगा.

सूर्य ग्रहण पर स्नान दान करने का है विशेष महत्व

सूर्य ग्रहण के दिन भी दान का बहुत महत्व होता है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान किया गया दान राहु, केतु और शनि के गलत प्रभावों को भी सही करता है.

सूर्य ग्रहण पर बन रहा सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग

आज सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है. इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व है. सोमवती अमावस्या का संयोग साल में 2 या 3 बार ही बनता है. इस बार सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने से इसका महत्व और बढ़ गया है. सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. वहीं सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद भी पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है

सूर्य ग्रहण का समय

भारतीय समायानुसार 14 दिसंबर दिन सोमवार यानि आज शाम 07 बजकर 03 मिनट से ग्रहण शुरू होगा और रात्रि 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा. यह ग्रहण करीब 5 घंटे से ज्यादा लंबे वक्त तक रहेगा.

ग्रहण के दौरान बरतें ये खास सावधानियां

ग्रहण काल में खाना-पीना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए. वहीं, सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं.

जानें भारत में क्यों नहीं दिखाई देगा ग्रहण

आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. क्योंकि यह ग्रहण तब लगेगा जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा. इसलिए यह उन क्षेत्रों में दिखेगा जहां इस दौरान सूर्योदय रहेगा.

ग्रहण के दौरान रखें ख्याल

ग्रहण काल ​​के दौरान, कई प्रकार की अशुद्ध और हानिकारक किरणें निकलती हैं. तो, कुछ कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल ​​के दौरान किया जाना चाहिए.

ग्रहण काल में करें गुरु मंत्र का जाप

ग्रहण काल में गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि भी कर सकते हैं.

जानें कितने देर का होगा ग्रहण

सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार शाम 7 बजकर 04 मिनट से आरंभ होगा जो कि मध्य रात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इस ग्रहण की अवधि करीब पांच घंटे होगा.

ग्रहण के समय ये काम न करें

ग्रहण के दौरान सूई, कील, तलवार और चाकू जैसी नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. ग्रहण के समय खाना खाना, बनाना, सब्जी काटना, आसमान के नीचे खड़े होना और दीपक जलाकर पूजा आदि नहीं करना चाहिए.

भारत में नहीं दिखेगा इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण

इस साल का आखिरी ग्रहण आज शाम में लगेगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं होगा. वहीं सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण अफ्रीका के दक्षिणी भाग, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका क्षेत्र में प्रभावी रहेगा.

12 घंटे पहले लग जाता है सूतक काल

यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. ये ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. आमतौर पर सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है.

ग्रहण के दौरानी गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी

आज शाम में इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा. सूर्य ग्रहण में बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं या किसी बीमार व्यक्ति को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. ऐसे में घर से बाहर निकलकर नग्न आंखों से सूर्य देखने से परहेज करना चाहिए. साथ ही ग्रहण काल में छोंक, तड़का लगाने या किसी धारदार और नुकीली वस्तु का इस्तेमाल करने की मनाही होती है.

सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहों की ये रहेगी स्थिति

आज जिस समय सूर्य ग्रहण लगेगा उस वक्त वृश्चिक राशि में 5 ग्रह मौजूद रहेंगे. इसे पंचग्रही योग कहा जा रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार सोमवती अमावस्या पर वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे. ऐसी स्थिति कई वर्षों बाद बन रही है.

ऐसा होगा ग्रहण

यह सूर्य गृह कुल ग्रहण होगा. कुल सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से अवरुद्ध कर देता है, जबकि एक आंशिक ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के केवल एक भाग को कवर करता है.

सूर्य ग्रहण खत्म होने पर करें ये उपाय

ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.

ग्रहण काल के दौरान रखें खास ख्याल

ग्रहण काल ​​के दौरान, कई प्रकार की अशुद्ध और हानिकारक किरणें निकलती हैं. तो, कुछ कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल ​​के दौरान किया जाना चाहिए.

सूर्य ग्रहण खत्म होने पर करें ये उपाय

ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.

Saptahik Rashifal: वृश्चिक और मिथुन राशि वालों पर पड़ेगा सूर्य ग्रहण का प्रभाव, इन राशि वालों को मिलेगा बड़ा प्रोजेक्ट, यहां पढ़िए इस सप्ताह का पूरा राशिफल...

भारतीय पर पड़ेगा ये असर

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं. जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं. ग्रहण के दौरान सूतक काल लग जाता है. इस समय शोर मचाना, खाना-पीना और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. लेकिन 14 दिसंबर को संध्याकाल में लगने वाला ये सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. ऐसे में ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के कार्यों पर पाबंदी नहीं होगी.

गर्भवती महिलाएं रखें विशेष ख्याल

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण को खुली आँखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है. सूर्यग्रहण को कभी भी खुली आँखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि इससे आँखों की रोशनी खराब हो सकती है.

सूर्य ग्रहण का समय

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को भारत के समय के अनुसार शाम 7 बजकर 3 मिनट से रात 12 बजकर 23 मिनट (15 दिसंबर 2020) तक लगेगा. इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी. सूर्य ग्रहण रात 9:43 बजे चरम पर होगा.

15 दिसंबर तक रहेगा सूर्य ग्रहण

इस बार पड़ने वाला सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर से लेकर 15 दिसंबर तक रहेगा, क्योंकि 14 दिसंबर को रात्रि 07 बजकर 03 मिनट से ग्रहण आरंभ होगा, जो मध्य रात्रि के बाद 12 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. रात्रि के समय ग्रहण लगने का कारण इस बार भारत में यह ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा। भारत में दृश्य न होने का कारण सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

भारत में क्या होगा असर

संध्याकाल में लगने की वजह से ये ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. भारत में नजर ना आने की वजह से ग्रहण काल के दौरान किसी भी तरह के कार्यों पर पाबंदी नहीं होगी.

इस सूर्य ग्रहण की खास बातें

साल 2020 की शुरूआत 10 जनवरी को चंद्र ग्रहण से हुई थी और इसकी समाप्ति सूर्य ग्रहण से होगी. इस साल कुल मिलाकर 6 ग्रहण लगे थे, जिसमें चार चंद्र और जबकि 2 सूर्य ग्रहण हैं. 21 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा. ये सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा.

कब और कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण? (Solar Eclipse Timings in India)

भारतीय समयानुसार, (Surya Grahan 2020 Timings) ये ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा. सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे की रहेगी. ये दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से नजर आएगा. ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.

सूर्य ग्रहण खत्म होने पर करे ये उपाय

ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.

इस सूर्य ग्रहण की खास बातें

साल 2020 की शुरूआत 10 जनवरी को चंद्र ग्रहण से हुई थी और इसकी समाप्ति सूर्य ग्रहण से होगी. इस साल कुल मिलाकर 6 ग्रहण लगे थे, जिसमें चार चंद्र और जबकि 2 सूर्य ग्रहण हैं. 21 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा. ये सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा.

क्या सूतक काल माना जाएगा? (Sutak Kaal)

14 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. भारत में नजर ना आने की वजह से इस बार सूतक के नियम (Sutak Kaal) नहीं माने जाएंगे. साथ ही ग्रहणकाल के दौरान मांगलिक कार्यों पर भी रोक नहीं लगेगी. सूतक काल मान्य ना होने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे और ना ही पूजा-पाठ वर्जित होगी.

क्या है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. इसका मनुष्य के जीवन पर खास प्रभाव नहीं पड़ता है. लेकिन ज्योतिष विज्ञान में इसका बहुत महत्व माना गया है. सूर्य ग्रहण राशियों पर काफी असर डालता है. लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है इसलिए इसका किसी राशि पर असर नहीं पड़ेगा.

सूर्य ग्रहण के दौरान एहतियात बरतना जरूरी

2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगा था. साल 2020 में कुल छह ग्रहण लगे, जिनमें दो सूर्य और चार चंद्रग्रहण शामिल हैं. सूर्यग्रहण के दिन अमावस्या और सोमवार होने के कारण सोमवती अमावस्या भी है. बिहार में भले ही सूर्यग्रहण नहीं दिखे, लेकिन इस दौरान हम कुछ एहतियात तो बरत ही सकते हैं.

शाम 7:03 बजे से मध्यरात्रि 12 :23 बजे तक रहेगा उपछाया ग्रहण

साल का अंतिम सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा. यह ग्रहण 5.20 घंटे तक रहेगा. बिहार सहित भारत में उपछाया ग्रहण होगा. सूर्यग्रहण भारतीय समय के अनुसार सोमवार की शाम 7:03 बजे से शुरू होकर मध्यरात्रि 12 :23 बजे समाप्त होगा.

ग्रहण के दौरान इन बातों का रख जाता है ध्यान

ग्रहण के इौरान श्राद्ध, दान व जप करने से पुण्‍य मिलता है. सूर्य ग्रहण का सूतक लगने से लेकर ग्रहण के समाप्त हाेने तक मंदिरों में प्रवेश वर्जित माना जाता है. भोजन बनाना व करना मना होता है. हां, बच्चों, बुजुर्गों व बीमार लोगों को फलाहार की छूट दी गई है. ग्रहण की अवधि में गर्भवती महिलाओं के पेट अथवा नाभि पर गाय का गोबर या गेरू का पतला लेप लगाने की भी मान्‍यता है.

साल 2020 में लगे दो सूर्यग्रहण

2020 में दो सूर्य ग्रहण लगे हैं. इसी तरह 2021 में भी दो सूर्य ग्रहण लगेंगे. पहला सूर्य ग्रहण साल के मध्य में यानी 10 जून 2021 को लगेगा. ये ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में आंशिक, जबकि उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. भारत में ये ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा. जबकि दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को लगेगा. इस ग्रहण का असर अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में होगा.

6 राशियों पर असर

ज्योतिषविदों के मुताबिक, इस सूर्य ग्रहण पर बेहद अशुभ गुरु चंडाल योग बन रहा है. राहु और गुरु के एक ही स्थान पर बैठने से गुरु चंडाल योग बनता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि पर गुरु चंडाल योग का सबसे बुरा असर पड़ सकता है.

सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहों की स्थिति

14 दिसंबर को लगने जा रहे सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में 5 ग्रह मौजूद रहेंगे. इसे पंचग्रही योग कहा जा रहा है. ज्योतिष गणना के अनुसार सोमवती अमावस्या पर वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे. ऐसी स्थिति कई वर्षों बाद बन रही है.

क्या होता है सूतक काल

सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल (Sutak kaal) लग जाता है, जिसमें शुभ कार्य वर्जित होते हैं. सूतक काल में पूजा-पाठ भी नहीं की जाती है. इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं. कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को सूतक काल मेंछोंक, तड़का, धारदार और नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए. सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे का होता है.

सूर्य ग्रहण का समय

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को शाम 07 बजकर 03 मिनट से रात 12 बजकर 23 मिनट तक लगेगा. इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी.

जानें यह सूर्य ग्रहण क्यों नहीं होगा भारत में प्रभावी

कल लगने वाला ग्रहण साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है. जानकारों की मानें तो यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. क्योंकि यह ग्रहण तब लगेगा जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा. यह ग्रहण उन क्षेत्रों में दिखेगा जहां इस दौरान सूर्योदय रहेगा. इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं पड़ेगा.

जानें किन जगहों पर पड़ेगा इस ग्रहण का प्रभाव

ग्रहण का असर प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, दक्षिणी अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक और अंटार्कटिका में पड़ेगा.

जानें सूर्य ग्रहण को लेकर चीन में क्या है मान्यता

चीन में सूर्य ग्रहण को लेकर ऐसा माना जाता है कि ए‍क विशाल ड्रेगन जब सूर्य को निगल लेता है. तब ग्रहण लग जाता है. ग्रहण खत्‍म कैसे होता है, इसको लेकर यहां माना जाता है कि जब चाइनीज देवता झांग जियान जो कि जन्‍म देने वाले देवता के रूप में यहां विख्‍यात हैं, जब वह ड्रेगन के ऊपर तीर चलाते हैं तो वह सूर्य को छोड़ता है. इस प्रकार से ग्रहण का समापन हो जाता है.

हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक कथा

हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, एक बिना सिर वाला राक्षस राहु सूर्य और चंद्रमा को निगल लेता है, जिसके कारण ग्रहण लगता है. लेकिन वह बहुत देर तक सूर्य और चंद्रमा को अपने मुंह में नहीं रख पाता. मान्यता है कि इस राक्षस के हाथ पैर नहीं होते हैं जो सूर्य और चंद्रमा को पकड़ सकें. यही वजह है कि सूर्य ग्रहण बहुत देर तक नहीं रह पाता है और थोड़ी देर में ही सूर्य वापस अपनी स्थिति में आ जाते है.

वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लगेगा सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लगेगा. वहीं, ग्रहण का नक्षत्र ज्येष्ठा है. इस कारण सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव वृश्चिक राशि और मिथुन राशि पर पड़ेगा. इसलिए इन दोनों ही राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है.

सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहों की रहेगी ये स्थिति

सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में 5 ग्रह मौजूद रहेंगे. ज्योतिष गणना के अनुसार सोमवती अमावस्या पर वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे. ऐसी स्थिति कई वर्षों बाद बन रही है.

जानें कब से कब तक लगेगा सूर्य ग्रहण

भारतीय समय के अनुसार ये ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी. यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा.

सूर्य ग्रहण के दौरान एक साथ होंगे पांच ग्रह

ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान पांच ग्रह एक साथ होंगे. सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है. ग्रहण काल में वृश्चिक राशि में पांच ग्रह सूर्य, शुक्र, बुध, केतु और चंद्रमा एक साथ होंगे.

खतरनाक योग में लगेगा सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण के दौरान गुरु चंडाल योग भी बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इस योग को खतरनाक योगों में से एक माना गया है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में पहले से ही गुरु चंडाल योग बना हुआ है उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.

नंगी आंख से न देखें ग्रहण काल का सूर्य

ग्रहण काल का सूर्य देखने से आंखों की रोशनी पर असर पड़ सकता है. इस कारण नंगी आंखों से ग्रहण काल में सूर्य की ओर न देखें. संभव हो तो खिड़की बंद कर दें ताकि सूर्य की हानिकारक किरण घर में प्रवेश न कर सके.

सूर्य ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

सूतक से अर्थ है खराब समय या ऐसा समय जब प्रकृति ज्यादा संवेदनशील होती है , ऐसे में किसी अनहोनी के होने की संभावना ज्यादा होती है. सूतक चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों के समय लगता है. ऐसे समय में सावधान रहना चाहिए और ईश्वर का ध्यान करना चाहिए. सूतक काल में हमें कुछ खास बातों का ध्यान रखाना चाहिए. किसी बच्चे के जन्म लेने के बाद भी उस घर के सदस्यों को सूतक की स्थिति में बिताने होते हैं. सूतक काल में किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता. यहां तक की कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के दौरान बंद कर दिये जाते हैं.

सूतक से पहले ही खाने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते रख दें

ग्रहण काल के दौरान खाना-पिना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं की जाती है. सूतक लगने के बाद से गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि ग्रहण काल के दौरान नकारात्मक शक्तियां प्रबल होती हैं, जिसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर शुद्धिकरण करने की भी मान्यता है. ग्रहण काल के सूतक से पहले ही खाने की सभी चीजों में तुलसी के पत्ते रख देना चाहिए.

जहां कहां कहां दिखाई देगा साल 2020 का आखिरी सूर्य ग्रहण

आपको बता दें साल 2020 का अंतिम सूर्यग्रहण (14 दिसंबर 2020) सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में नजर आएगा. यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. भारत में इस सूर्य ग्रहण के न दिखने के कारण सूतककाल भी मान्य नहीं होगा और वो दिन भी आम दिनों जैसा ही होगा.

ये होगा सूतक काल का समय

सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व सूतक काल का आरंभ होगा. सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस सूतक काल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार यह सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा.

भारत में क्या होगा असर

सोमवार के दिन इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, क्योंकि शाम सात बजे के बाद लगेगा. भारत में नजर न आने के कारण ग्रहण काल के दौरान किसी भी तरह के कार्यों पर पाबंदी नहीं होगी.

इन जगहों पर दिखाई देगा सूर्य ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यही कारण है कि सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका अटलांटिक, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ भागों में देखा जा सकेगा.

ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी होती है. ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहना चाहिए, क्योंकि गर्भ पर ग्रहण की छाया पड़ना शुभ नहीं माना जाता है. ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं को सूई, कैंची, चाकू आदि नहीं चलाना चाहिए. इस समय छोटे बच्चों को भी बाहर नहीं जाने देना चाहिए.

सूर्य ग्रहण के दौरान जरूर करें ये काम

सूर्य ग्रहण से पहले ही दान करने के लिए वस्तुएं निकाल कर रख लें और सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद उन वस्तुओं का दान कर दें. ग्रहण के दौरान कोई भी पूजा-पाठ का कार्य नहीं किया जाता है, इसलिए अपने घर के मंदिर में भी पर्दा लगा दें. तुलसी में नकारात्मता को सोखने की क्षमता होती है, इसलिए ग्रहण का आरंभ होने से पहले ही खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी का पत्ता अवश्य डाल दें. ग्रहण के समय पूजा पाठ करना निषिद्ध माना गया है, परंतु इस समय मंत्रों का जाप किया जा सकता है. ग्रहण के आरंभ होने से लेकर समाप्त होने तक मंत्रों का जाप करें.

जानिए कितने बजे से लगेगा ग्रहण

भारतीय समय के अनुसार शाम 7 बजकर 03 मिनट से पूर्ण सूर्य ग्रहण शुरू होगा और 9 बजकर 43 मिनट पर अधिकतम और रात 12 बजकर 23 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा. यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका, अटलांटिक, हिन्द और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.

खंडग्रास सूर्य ग्रहण का असर और महत्व

वैसे तो ग्रहण एक आम खगोलीय घटना है जिसका इंसानी जीवन पर खास महत्व नहीं होता लेकिन ज्योतिषीय गणना में इसे काफी महत्वपूर्ण माना गया है. ग्रहण का असर राशियों और लोगों के भविष्य के समय पर पड़ता है. लेकिन इस बार यह भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इसका असर नहीं होगा. सूर्यग्रहण रात्रि में होने के कारण इसका यहां सूतक भी नहीं लगेगा और न ही किसी को विशेष सावधानियां अपनानी पड़ेंगे. अगर यह ग्रहण दिखाई देता तो गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी बड़ती लेकिन इस बार इसका असर नहीं होगा.

खंडग्रास सूर्यग्रहण क्या है?

जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं. लेकिन चंद्रमा जब आंशिक रूप से सूर्य को ढके तो इस खंड -ग्रास सूर्य ग्रहण कहते हैं. यानी 14 दिसंबर को होने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण (खंडग्रास सूर्य ग्रहण) होगा.

नहीं लगेगा सूतक काल

रात्रि के समय ग्रहण लगने का कारण इस बार भारत में यह ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा. भारत में दृश्य न होने का कारण सूतक काल भी मान्य नहीं होगा, लेकिन ग्रहण काल के दौरान कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक होता है.

भूलकर भी ना करें ये काम

ग्रहण काल के दौरान सोना भी निषिद्ध माना गया है इसलिए इस समय भूलकर भी नहीं सोना चाहिए. विशेष परिस्थितियों में या वृद्ध एवं बच्चों के लिए सोने का नियम मान्य नहीं है.

इन चीजों का प्रयोग है वर्जित

ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं सूई, कैंची, चाकू आदि नहीं चलाना चाहिए

गर्भवती महिलाएं रखें विशेष ख्याल

ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाएं ही घर के अंदर रहें, गर्भ पर ग्रहण की छाया पड़ना शुभ नहीं माना जाता है.

सूर्य ग्रहण को ऐसे देखना हानिकारक

सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से बिल्कुल भी नहीं देखना चाहिए. ग्रहण के समय नकारात्मक किरणों के कारण आंखों की रोशनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

खाने पीने की वस्तुओं में डाले तुलसी का पत्ता

तुलसी में नकारात्मता को सोखने की क्षमता होती है, इसलिए ग्रहण का आरंभ होने से पहले ही खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी का पत्ता अवश्य डाल दें

15 दिसंबर तक रहेगा सूर्य ग्रहण

इस बार पड़ने वाला सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर से लेकर 15 दिसंबर तक रहेगा, क्योंकि 14 दिसंबर को रात्रि 07 बजकर 03 मिनट से ग्रहण आरंभ होगा, जो मध्य रात्रि के बाद 12 बजकर 03 मिनट तक रहेगा. रात्रि के समय ग्रहण लगने का कारण इस बार भारत में यह ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा। भारत में दृश्य न होने का कारण सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

सूर्य ग्रहण पर बन रहा है खतरनाक योग

सूर्य ग्रहण के दौरान गुरु चंडाल योग भी बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इस योग को खतरनाक योगों में से एक माना गया है. इस दिन राहु की दृष्टि बृहस्पति पर रहेगी. बृहस्पति मकर राशि में शनि के साथ विराजमान है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में पहले से ही गुरु चंडाल योग बना हुआ है उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.

सूर्य ग्रहण का समय

14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 7 बजकर 4 मिनट से मध्य रात्रि तक रहेगा. भारत में इस ग्रहण को खंडग्रास माना जा रहा है. खंडग्रास सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है. इसलिए इस ग्रहण का विशेष धार्मिक महत्व नहीं होगा. लेकिन फिर भी कुछ नियमों का पालन करना उत्तम रहेगा.

ग्रहण के दौरान करें ये चीजें

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में मंत्र जप करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने पास एक नारियल रखना चाहिए। नारियल रखने से नकारात्मकता नहीं आती है.

घर की खिड़कियों को रखें बंद

खिड़कियों को अखबारों या मोटे पर्दों से ढक देना, ताकि ग्रहण की कोई भी किरण घर में प्रवेश न कर सके। ग्रहण के दौरान या पहले भोजन बना हुआ है तो उसे फेंकना नहीं चाहिए. बल्कि उसमें तुलसी के पत्ते डालकर उसे शुद्ध कर लेना चाहिए. ग्रहण के समाप्ति के बाद स्नान-ध्यान कर घर में गंगाजल छिड़कना चाहिए और फिर जाकर भोजन ग्रहण करना चाहिए.

इन चीजों का प्रयोग न करें

ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के सीधे प्रभाव में न आने के साथ-साथ उन्हें चाकू-छुरी या तेज धार वाले हथियार का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका बुरा असर होता है. इसके साथ ही ग्रहण की अवधि में सिलाई-कढ़ाई का कार्य भी न करें और न ही किसी प्रकार की चीज़ों का सेवन करें.

गर्भवती महिलाएं रखें विशेष सावधानी

ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक विचार किया जाता है. माना जाता है कि ग्रहण के हानिकारक प्रभाव से गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर पर उसका नकारात्मक असर होता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है.

सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा

Surya Grahan December 2020 In India: इस बार ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य पर ग्रहण लगता है उस वक्त सूर्य पीड़ित हो जाते हैं. जब कोई ग्रह पीड़ित हो जाता है तो वह शुभफल प्रदान नहीं करता है. इसीलिए सूर्य ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है. सूर्य ग्रहण का प्रभाव कृषि, व्यापार, राजनीति जैसे क्षेत्रों पर पड़ता है. वहीं, कई राशियों पर भी सूर्य ग्रहण का असर पड़ेगा...

कब और कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण

ये दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से नजर आएगा. ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.

वृश्चिक राशि में लगेगा सूर्य ग्रहण

इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है. पंचांग और ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण मिथुन लग्न में होगा. इसलिए वृश्चिक और मिथुन राशि वालों को विशेष ध्यान रखना होगा.

सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में रहेंगे 5 ग्रह

सूर्य ग्रहण के दौरान एक विशेष घटना भी घटने जा रहा है. सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में 5 ग्रह विराजमान होंगे. वहीं खतरनाक अशुभ योग का भी निर्माण हो रहा है. सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध, शुक्र, सूर्य और केतु भी मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही गुरु चंड़ाल योग का भी निर्माण हो रहा है. जिस कारण इस ग्रहण परिणाम अच्छा नहीं कहा जा सकता है.

मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वाले न करें ये काम

सूर्य ग्रहण के दौरान मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि वाले विशेष सावधानी बरतें. इस दौरान कोई भी नया कार्य न करें और भगवान का स्मरण करें. ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र का जाप करें. इस दौरान किसी का अपमान और न गलत कार्य करें.

सूर्य ग्रहण का समय

14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 7 बजकर 4 मिनट से मध्य रात्रि तक रहेगा. भारत में इस ग्रहण को खंडग्रास माना जा रहा है. खंडग्रास सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है. लेकिन जो लोग सूतक काल का ग्रहण के दौरान विचार करते हैं, वे सूतक काल के दौरान भोजन, यात्रा, नए कार्य को करने से बचें.

News posted by : Radheshyam kushwaha

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