26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कुंडली में ग्रहों की दशा का होता है पेशे पर असर, जानें

ज्योतिष के अनुसार, सामान्यत: सूर्य, चंद्रमा एवं लग्न में जो भी बलवान हो, उनका संबंध दशम से होने पर या नवांश के दशम भाव से संबंधित होने पर अपने अनुसार नौकरी या व्यवसाय का फल देते हैं.

कुंडली के बारह भावों में दशम भाव नौकरी या व्यवसाय की ओर इशारा करते हैं. ज्योतिष के अनुसार, सामान्यत: सूर्य, चंद्रमा एवं लग्न में जो भी बलवान हो, उनका संबंध दशम से होने पर या नवांश के दशम भाव से संबंधित होने पर अपने अनुसार नौकरी या व्यवसाय का फल देते हैं. सूर्य सरकारी नौकरी, पैतृक व्यवसाय, धातु संबंधित कार्य एवं शेयर बाजार की ओर ले जाते हैं.

चंद्रमा जल तत्व होने के चलते सेवा का कार्य, कृषि, धातु संबंधी कार्य आदि संपन्न कराते हैं. मंगल, भूमि भवन, विद्युत आदि का व्यवसाय या विद्युत विभाग आदि में नौकरी कराते हैं. बुध व्यवसाय के कारक होने के चलते वितीय प्रबंधन, पत्रकारिता, दूरसंचार आदि में ले जाते हैं. पुन: गुरु शिक्षा, कानून, शिक्षा सामग्रियों का व्यापार कराते हैं, तो शुक्र कला की और रुझान के साथ रेडीमेड वस्त्र, इत्र आदि का व्यवसाय कराते हैं तथा शनि कानून, ठेकेदार, राजनीतिज्ञ आदि बनाते हैं.

कार्यक्षेत्र में कब आता है संकट : निम्नलिखित ग्रहों के संबंधों के साथ उनके दशा प्रारंभ होते ही कार्य क्षेत्र में काले बादल मंडराने लगते हैं. जाहिर है तत्काल उनके समाधान के उपाय कर हर कदम सतर्कता से उठाना चाहिए. यह संकट तब आता है जब दशम भाव के स्वामी का छठे, आठवें या बारहवें भाव में बैठे एवं इनकी दशा का प्रारंभ हो जाये.

शनि में शुक्र या शुक्र में राहु भी शुभ नहीं होता. कुंडली में नीच अथवा वक्री ग्रह से दृष्ट ग्रहों की दशा जीवन-वृत्ति में संकट ला सकती है. गोचर के शनि एवं राहू जब दशम में गोचर करते हैं तब राजनीति क्षेत्र या सत्ता में बैठे लोग इससे बाहर हो जाते हैं या उनके व्यवसाय में संकट उत्पन्न हो जाता है. कुंडली में स्थित कालसर्प, केमद्रुम आदि योग भी जीवन-वृत्ति में रुकावट लाते हैं.

पदोन्नति एवं स्थानांतरण योग : अगर कुंडली में लग्नेश, पंचमेश, दशमेश या लाभेष का दशा या अंतर्दशा हो एवं शनि एवं गुरु का गोचर पदोन्नति कराते हैं. कुंडली के चारों केंद्र भावों का संबंध एवं त्रित्येश, सप्तमेश का अंतर, प्रत्यंतर स्थानांतरण कराते हैं. अगर उसमें अष्टमेश भी शामिल हो, तो वह अपना निवास भी बदलेगा.

ग्रहों के उपाय : कुंडली के अनुसार सूर्य के लिए माणिक, चंद्रमा के लिए मोती, मंगल के लिए लाल मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पीला पुखराज, शुक्र के लिए हीरा या सफ़ेद जरकन, शनि के लिए नीलम आदि उस दिन के होरा में ख़ास कर शुक्र पक्ष में धारण करें.

उसी प्रकार सूर्य के लिए एक मुखी, चंद्रमा के लिए दो मुखी, मंगल के लिए तीन, बुध के लिए चार, गुरु के लिए पांच, शुक्र के लिए छह, शनि के लिए सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें. पुन: शाकाहारी रहें. भाइयों एवं पड़ोसियों की मदद करें. जल संग्रह करें. पेड़ लगाएं एवं उसकी रक्षा करें. गरीबों एवं दीन-दुखी की सेवा करें. ईमानदार रहें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें