Chhath Puja 2022: महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में नहाय-खाय से शुरू हो गया. 29 अक्टूबर को कार्तिक शुक्ल पंचमी यानी शनिवार को लोहंडा (खरना) में व्रती पूरे दिन का उपवास कर शाम में पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगी जबकि 30 अक्टूबर को व्रती जल, जलाशय में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्यल देकर भगवान भास्कर की अराधना करेंगे. जबकी 31 अक्टूबर को व्रती उगते हुए सूर्य को अघ्य देकर भगवान भास्कर और उनकी बहन छठी मैया से अपनी संतान और परिवार के लिए कुशल मंगल की कामना करेंगी. आइये जानते है खरना से लेकर अर्घ्य तक का शुभ मुहूर्त…
छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती निर्जला उपवास रखते हैं. इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार संध्या अर्घ्य या अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य 30 अक्टूबर, दिन रविवार को दिया जायेगा.
सूर्यास्त का समय 05 बजकर 34 मिनट. इस दिन अस्तांचलगामी सूर्य देव को सायंकालीन अर्घ्य का समय शाम 5 बजकर 29 से 5 बजकर 39 बजे तक.
छठ पूजा के चौथे दिन उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार यानी कार्तिक छठमहापर्व 2022 में उदयमान सूर्य को अर्घ्य 31 अक्टूबर, सोमवार को दिया जायेगा. इसके बाद व्रती अपने व्रत का पारण करते हैं.
प्रात: कालीन अर्घ्य सुबह 06 बजकर 27 से 06 बजकर 34 बजे तक. उसके बाद पारण प्रसाद ग्रहण
सूर्य को अर्घ्य देते समय सीधे उनकी ओर न देखकर, बल्कि गिरते हुए जल की धारा में सूर्यदेव के दर्शन करें. इस विधि सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो मनवांछित फल की पूर्ति होती है.
ऊँ सूर्याय नम:,
ऊँ आदित्याय नम:,
ऊँ भास्कराय नम: