एक्सपर्ट से जानें शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के उपाय

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से अगर आप मुक्ति चाहते हैं तो ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ से जानें इसके उपाय.

By Pushpanjali | July 16, 2024 2:16 PM

शमी का वृक्ष हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है. इसे भगवान शनिदेव का प्रिय वृक्ष कहा जाता है. शनि ग्रह को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का विशेष महत्व होता है. इन साढ़े साती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में शमी की पूजा विशेष लाभकारी मानी जाती है.

शमी की नियमित पूजा करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और उनके प्रकोप से राहत मिलती है. इसके लिए प्रतिदिन सुबह शमी के पौधे को जल चढ़ाना चाहिए और शाम को दीपक जलाना चाहिए. यदि संभव हो तो शनिवार के दिन शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से शनि के नकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

शमी का पेड़ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इसके अनेक वैज्ञानिक लाभ भी हैं. शमी के पत्तों, छाल और फल में औषधीय गुण पाए जाते हैं. यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है. शमी का पेड़ वातावरण को शुद्ध करता है और मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करता है.

धन की कमी से परेशान लोगों के लिए भी शमी का पेड़ लाभकारी साबित हो सकता है. शुक्रवार की शाम को शमी के तने में लाल मौली बांधकर उसे रात भर छोड़ दें. अगले दिन सुबह स्नान करने के बाद मौली को खोलकर चांदी की डिब्बी में रख लें. ऐसा करने से घर में धन की कमी नहीं होगी और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.

शमी की पूजा न केवल शनि दोष से मुक्ति दिलाती है बल्कि सुख, समृद्धि, आरोग्य, संतान प्राप्ति और मनोकामना पूर्ति में भी सहायक होती है. इसके अलावा, शमी का पेड़ घर में लगाने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Also Read: Nag Panchami 2024: सावन में नाग पंचमी कब है? जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Shiv Chalisa: जय गिरिजा पति दीन दयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाल… हर सोमवार को शिव चालीसा पाठ करने से प्रसन्न होते हैं महादेव

Next Article

Exit mobile version