Tulsi Pujan Diwas 2022: तुलसी पूजा का क्या महत्व, जानें पूजा की विधि
Tulsi Pujan Diwas 2022: जो कोई भी तुलसी की पूजा करता है उसे अपार सुख और पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है और तुलसी पूजा करने वालों पर उनकी कृपा भी बरसती है.
Tulsi Pujan Diwas 2022: हिंदू परंपराओं में तुलसी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है. कई लोग अपने दिन की शुरुआत तुलसी के पौधे को जल चढ़ाकर और आशीर्वाद लेकर करते हैं. इस वर्ष तुलसी पूजन दिवस 25 दिसंबर को मनाया जा रहा है, जिस दिन रविवार है. कहा जाता है कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास होता है और वह सुख-समृद्धि की देवी हैं. अत: जो कोई भी तुलसी की पूजा करता है उसे अपार सुख और पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है और तुलसी पूजा करने वालों पर उनकी कृपा भी बरसती है.
मान्यता है कि तुलसी के पौधे के पास तुलसी स्तोत्र का पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही तुलसी की पूजा से बुरे विचारों और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है. पद्मपुराण के अनुसार यदि कोई व्यक्ति तुलसी के पत्तों से टपकते जल को अपने सिर पर लगाता है, तो यह गंगा में पवित्र स्नान के बराबर होता है. यह भी कहा जाता है कि तुलसी की पूजा करने से रोग नष्ट हो जाते हैं और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.
तुलसी पूजा विधि
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सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें.
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तुलसी को जल अर्पित करें
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सिंदूर लगाएं और फूल चढ़ाएं
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अगरबत्ती और दीया (दीया) जलाएं
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तुलसी स्तोत्र का जाप कर पूजा अर्चना करें.
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तुलसी के बीजों से बनी माला पहनने की भी सलाह दी जाती है. तुलसी का एक पत्ता भी श्राद्ध और यज्ञ आदि में बड़ा पुण्य देता है.
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वास्तु शास्त्र में तुलसी के पौधे का महत्व
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शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास के किसी भी गुरुवार को तुलसी का पौधा घर लाना चाहिए. गुरुवार भगवान विष्णु का दिन है और भगवान विष्णु के रूप में तुलसी भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय है.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को हमेशा घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं. इस दिशा में देवताओं का वास होता है.
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तुलसी के पौधे को घर की बालकनी या खिड़की पर लगाना चाहिए, लेकिन दिशा का हमेशा ध्यान रखें.
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तुलसी के पौधे को भूलकर भी घर की दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए. यह दिशा पितृ की होती है और अगर आप यहां तुलसी का पौधा रखते हैं तो आपको भारी आर्थिक नुकसान होगा.
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तुलसी के पौधे को कभी भी घर के प्रवेश द्वार या जहां कचरा रखा जाता है या चप्पल उतारी जाती हा वहां न रखें.
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तुलसी को सिंदूर चढ़ाने को लेकर बहुत भ्रम होता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को सिंदूर चढ़ाना चाहिए.
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तुलसी के पौधे को हमेशा मिट्टी के बर्तन में रखें. प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग न करें. संभव हो तो तुलसी के पात्र में चूने या हल्दी से ‘श्रीकृष्ण’ लिख सकते हैं.
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तुलसी का पौधा बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इस ग्रह को भगवान कृष्ण का रूप मानते हैं.
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आप नियमित रूप से तुलसी की पूजा कर सकते हैं लेकिन शाम के समय इसे न छूएं. इसके अलावा एकादशी, रविवार, चंद्र और सूर्य ग्रहण के दिनों में भी तुलसी का स्पर्श न करें. रविवार के दिन भी तुलसी को जल न चढ़ाएं.
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तुलसी को जल चढ़ाने के अलावा कच्चा दूध भी चढ़ाएं. मान्यता है कि दूध चढ़ाने से दुर्भाग्य दूर होता है.
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तुलसी के पौधे को कभी भी किचन या बाथरूम के पास न रखें. आप पूजा कक्ष की खिड़की के पास तुलसी का पौधा रख सकते हैं.
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यदि आप प्रतिदिन तुलसी की परिक्रमा करना चाहते हैं तो जल चढ़ाते समय तुलसी के पौधे की तीन बार परिक्रमा करें. आपको सबसे पहले सूर्य को जल और फिर तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए है.
तुलसी का पौधा क्यों मुरझाने लगता है?
कई बार तुलसी के पौधे को कितना ही पानी पिला दिया जाए, वह अचानक ही मुरझाने लगती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तरह की बातों को नजरअंदाज न करें. माना जाता है कि यह परिवार में किसी प्रकार के संकट की संभावना को दर्शाता है.