Tulsi Vastu Tips: तुलसी को माना जाता है देवी लक्ष्मी का रूप, जल चढ़ाते समय कभी न करें ये भूल, जानें नियम
Tulsi Vastu Tips: तुलसी का पौधा बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इस ग्रह को भगवान कृष्ण का रूप माना गया है. ऐसी मान्यता है कि तुलसी को जल देने से बुध ग्रह मजबुत होता है. लेकिन तुलसी के पौधे को जल देने और पूजा के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी है. जानें.
Tulsi Vastu Tips: सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है. तुलसी को धन की देवी देवी लक्ष्मी का दर्जा दिया गया है. ऐसे में यदि अगर आपके जीवन में कोई आर्थिक समस्या चल रही है तो तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी के रूप में पूजा करने और तुलसी से संबंधित उपाय करने से लाभ होता है. लेकिन वास्तु और ज्योतिष में तुलसी को जल देने और तुलसी पूजा करने के कुछ नियम बताये गए हैं. डिटेल जानने के लिए आगे पढ़ें.
तुलसी का पौधा घर में लगाने, पूजा करनेऔर जल चढ़ाने संबंधी नियम जानें…
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वैसे तो तुलसी का पौधा कभी भी लगा सकते हैं लेकिन ज्योतिष के अनुसार तुलसी का पौधा लगाने का सबसे अच्छा समय कार्तिक मास है. तुलसी को देवी लक्ष्मी का एक रूप माना जाता है और कहा जाता है कि यदि आप घर में तुलसी का एक पौधा लाकर कार्तिक मास में लगाते हैं तो देवी लक्ष्मी भी घर में आती हैं.
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शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास के किसी भी गुरुवार को तुलसी के पौधे को घर ला कर लगाना शुभ है. गुरुवार भगवान श्री विष्णु का दिन माना गया है और भगवान विष्णु के रूप में तुलसी भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय है.
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तुलसी को जल चढ़ाने के अलावा कच्चा दूध भी चढ़ाया जा सकता है. ऐसा करने से दुर्भाग्य दूर होता है.
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तुलसी के पौधे को कभी भी किचन या बाथरूम के पास नहीं रखना चाहिए.
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आमतौर पर लोग तुलसी को लाल रंग की चुनरी चढ़ाते हैं, लेकिन यह मंगल का रंग है और तुलसी बुध का कारक है. बुध और मंगल मित्र नहीं हैं. बुध के अनुकूल ग्रह शुक्र और शनि हैं. इसलिए तुलसी जी को सफेद, चमकीली, नीली चुनरी चढ़ाना शुभ होता है.
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आपके घर में हमेशा 1, 3, 5 या 7 तुलसी के पौधे होने चाहिए. तुलसी के पौधे को कभी भी इन नंबर 2, 4, 6 में नहीं रखना चाहिए.
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तुलसी की पूजा प्रत्येक दिन कर सकते हैं लेकिन शाम के समय इसे छूना नहीं चाहिए. इसके अलावा एकादशी, रविवार, चंद्र और सूर्य ग्रहण के दिनों में तुलसी को नहीं छूना चाहिए. रविवार के दिन तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
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तुलसी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए या नहीं इस बात को लेकर काफी भ्रम है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को सिंदूर चढ़ाया जा सकता है.
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तुलसी के पौधे को हमेशा मिट्टी के बर्तन में लगाना चाहिए. प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग करने से बचना चाहिए. तुलसी के पात्र में चूने या हल्दी से ‘श्री कृष्ण’ लिखना शुभ माना जाता है.
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तुलसी का पौधा बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इस ग्रह को भगवान कृष्ण का रूप माना जाता है. ऐसे में तुलसी पूजन करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
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तुलसी का पौधा गलती से भी घर की दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए. यह दिशा पितृ पक्ष की होती है और यदि आप यहां तुलसी का पौधा लगाते हैं तो भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
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तुलसी के पौधे कभी भी घर के प्रवेश द्वार पर या किसी अन्य स्थान पर जहां कूड़ा-करकट रखा जाता है या चप्पलें रखी जाती हैं, कभी नहीं लगाना चाहिए.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिशा में देवताओं का वास होता है.
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तुलसी के पौधे घर की बालकनी या खिड़की पर लगाए जा सकते हैं. लेकिन वास्तु शास्त्र में दी गई दिशा का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
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तुलसी का पौधा ईशान कोण में भी लगा सकते हैं.