14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Utpanna Ekadashi 2022: उत्पन्ना एकादशी के दिन पड़ रहे पांच शुभ योग, इस दिन से शुरू करें साल का व्रत

Utpanna Ekadashi 2022: इस साल उत्पन्ना एकादशी के दिन पांच शुभ योग बनते नजर आ रहे हैं, जिस वजह से इस व्रत का महत्व इस साल और अधिक बढ़ गया है. उत्पन्ना एकादशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी के दिन पड़ता है.

Utpanna Ekadashi 2022: इस साल उत्पन्ना एकादशी के दिन पांच शुभ योग बनते नजर आ रहे हैं, जिस वजह से इस व्रत का महत्व इस साल और अधिक बढ़ गया है. उत्पन्ना एकादशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष एकादशी के दिन पड़ता है. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और एकादशी माता की अराधना कि जाती है. पौराणिक क​थाओं के अनुसार उत्पन्ना एकादशी की तिथि पर एकादशी माता जन्म ली थी. इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. उत्पन्ना एकादशी पर बनने वाले पांच शुभ योग और एकादशी व्रत प्रारंभ के बारे में जानें शुभ योग क्या है…

उत्पन्ना एकादशी की मान्यता

मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन माता एकादशी ने एक मुर नामक राक्षस का वध किया था. एकादशी माता को भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना जाता है.

उत्पन्ना एकादशी कब है

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की सच्चे मन से अराधना करने से साधक की सारी मनोकामना पूरी होती है. इस साल उत्पन्ना एकादशी 20 नवंबर 2022 पड़ रहा है. उत्पन्ना एकादशी 19 नवंबर 2022 यानी शनिवार की सुबह 10 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 20 नवंबर को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगी.

Also Read: Ganesh Chalisa: बुधवार के दिन करें गणेश चालीसा का पाठ, हर इच्छा पूरी करेंगे गणपति
उत्पन्ना एकादशी पर पांच शुभ योग कौन से हैं

उत्पन्ना एकादशी का व्रत इस बार 20 नवंबर को पड़ रहा है, इस दिन पांच शुभ योग बन रहे हैं, जिसमें प्रीति योग, आयुष्मान योग, द्विपुष्कर योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनते जा रहे हैं.

  • प्रीति योग का शुभ मुहूर्त: 20 नवंबर को प्रात:काल से रात 11 बजकर 04 मिनट तक

  • आयुष्मान योग: 20 नवंबर से रात 11 बजकर 04 मिनट से 21 नवंबर, रात 09 बजकर 07 मिनट तक

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: 20 नंवबर को सुबह 06 बजकर 47 मिनट से देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक

  • अमृत सिद्धि योग: 20 नंवबर से सुबह 06 बजकर 47 मिनट से देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक

  • द्विपुष्कर योग: 20 नवंबर को देर रात 12 बजकर 36 मिनट से 21 नवंबर, सुबह 06 बजकर 48 मिनट तक है

उत्पन्ना एकादशी से शुरू करें साल का व्रत

मान्यता के अनुसार उत्पन्ना एकादशी के दिन ही एकादशी माता का जन्म हुआ था या प्रकट हुई थीं. इसलिए इस दिन से ही एकादशी व्रत रखा जाने लगा. उत्पन्ना एकादशी व्रत को सबसे श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु से उनको वरदान प्राप्त है. ऐसे में जो साधक पूरे साल भर एकादशी व्रत रखना चाहते हैं, उनको उत्पन्ना एकादशी व्रत से प्रारंभ करना चाहिए. वैसे वर्ष के बीच में शुक्ल पक्ष की एकादशी से व्रत प्रारंभ करने के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन उत्पन्ना एकादशी व्रत सालाना व्रत प्रारंभ के लिए उत्तम दिन है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें