शुक्रवार के दिन जरूर करें वैभव लक्ष्मी की पूजा,जानें पूजन विधि ?

Vaibhav Lakshmi Vrat: शुक्रवार के दिन वैभव लक्ष्मी व्रत और पूजा से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में धन और सुख-समृद्धि बनी रहती है,पूजा के लिए घर को साफ करके, स्नान करके, और व्रत का संकल्प लेकर श्रद्धा भाव से पूजा करें. लाल या गुलाबी वस्त्र पर लक्ष्मी की मूर्ति रखकर तांबे का कलश, चावल, गहना, और दीपक रखें, खीर, मिठाई, या मेवा का भोग लगाकर मंत्र जाप और आरती करें.

By Gitanjali Mishra | January 24, 2025 5:25 AM

Vaibhav Laxmi Vrat: सनातन धर्म में मां लक्ष्मी को धन-वैभव की देवी के रूप में पूजते है. ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सुख और वैभव बना रहता है. धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी का वास जिस घर में होता है वहां कभी भी आर्थिक संकट और तंगी कभी नहीं होती है. यही वजह है कि हर व्यक्ति मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न कर आशीर्वाद प्राप्त करता है, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए वैभव लक्ष्मी व्रत को फलदायी माना गया है. वैभव लक्ष्मी व्रत और पूजन से मां लक्ष्मी बहुत जल्द प्रसन्न होती है.मां लक्ष्मी का व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से शुरू करना चाहिए.

कैसे रखें शुक्रवार का उपवास?

व्रत रखने के लिए शुक्रवार के सुबह सूर्योदय से पहले उठकर घर को साफ-सुथरा करें. उसके बाद स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और फिर 7,11 या 21 व्रत रखने का संकल्प करें. साथ ही आस्था भाव मन से मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करते रहें. दिन में नमक न खाएं सिर्फ फलाहार करें साथ ही इस दिन खट्टी चीजों का सेवन खुद और अपने परिवार को भी भूलकर न करने दे,शुक्रवार के व्रत में पूजा शाम के समय सूर्य ढलने के बाद की जाती है.

इसीलिए शाम के समय एक बार फिर से शुद्ध होकर भगवान के सामने बैठ जाएं. सामने एक चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाकर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें. मुट्ठीभर चावल को रखकर उसके ऊपर तांबे का जल से भरा लोटा रखें . उसके ऊपर एक कटोरी में सोने या चांदी का गहना रखें. अगर आपके पास कोई गहना नहीं है तो सिक्का भी रख सकते हैं. साथ ही एक गुलाब का फूल भी कटोरी में रखें.

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संध्या के समय करें ऐसे पूजा विधि

शुक्रवार को पूरे दिन व्रत श्रद्धा भाव से रखने के बाद शाम को स्‍नान करें,साथ ही पूजन करने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं,उसके बाद चौकी पर लाल या गुलाबी कपड़ा बिछाकर माता वैभव लक्ष्‍मी की तस्‍वीर या मूर्ति स्‍थापित करें, और साथ ही श्रीयंत्र को तस्‍वीर के पीछे या बगल में रखें.

पूजा मे अवश्य शामिल करें महत्तपूर्ण चीजे,

वैभव लक्ष्‍मी की तस्‍वीर के सामने मुट्ठी भर चावल या जौ का ढेर लगाएं,साथ ही उस पर जल से भरा हुआ तांबे का कलश स्‍थापित करें ,कलश के ऊपर एक छोटी सी कटोरी में सोने या चांदी का कोई आभूषण या सिक्के को रख लें,वही कलश के ऊपर गोबर से गौरी और गणेश बनाये.साथ ही घी का दीपक जलाएं,वैभव लक्ष्‍मी की पूजा में लाल चंदन, गंध, लाल वस्‍त्र, लाल फूल अवश्य रखें.

किस का भोग लगाएं

भोग के लिए घर में गाय के दूध से चावल की खीर बनाएं, अगर किसी कारणवश खीर न बना सकें तो मां लक्ष्‍मी को भोग में आप सफेद मिठाई या फिर बर्फी श्रीखंड, मेवा का भी भोग लगा सकते हैं ,मां लक्ष्‍मी को यह भी प्रिय है.पूजा के बाद लक्ष्‍मी स्‍तवन का पाठ करें.या फिर वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जाप करें और अंत मे वैभव लक्ष्मी की आरती करें.

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