Vaishakh Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा पर करें सत्यनारायण पूजा, बरसेगी भगवान की कृपा, जानें पूजा विधि व मुहूर्त

Vaishakh Purnima 2024: पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण पूजा का विधान है. वैशाख पूर्णिमा आने वाली है, आप इस दिन भी सत्यनारायण पूजा जरूर करें.

By Shaurya Punj | May 2, 2024 12:18 PM

Vaishakh Purnima 2024: वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि, भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष महत्व रखती है. इस पावन अवसर पर, श्रद्धालु श्री सत्यनारायण व्रत का आयोजन करते हैं. यह व्रत भगवान विष्णु के सत्यस्वरूप श्री सत्यनारायण को समर्पित है, जिनकी पूजा-अर्चना से सुख-समृद्धि, वैवाहिक जीवन में सुख, संतान प्राप्ति, रोग मुक्ति एवं मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 22 मई, 2024 (शाम 06:47 बजे)
पूर्णिमा तिथि समापन: 23 मई, 2024 (शाम 07:27 बजे)
व्रत पूजन का शुभ मुहूर्त: 23 मई, 2024 (सुबह 09:15 बजे से शाम 07:27 बजे तक)

विशेष योग

शिव योग: 23 मई, 2024 (दोपहर 12:13 बजे से)
सर्वार्थ सिद्धि योग: 23 मई, 2024 (सुबह 09:15 बजे से)

Ravi Pradosh Vrat 2024: वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत 5 मई को, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

23 साल बाद मई व जून में शादी का एक भी शुभ मुहूर्त नहीं, जानिए ऐसा क्यों और कब होगा शुभ मुहूर्त

कालाष्टमी व्रत: भगवान काल भैरव की रौद्र कृपा प्राप्त करने का पर्व, जानिए पूजा विधि व तिथि

अन्य शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त: 23 मई, 2024 (सुबह 04:04 बजे से 04:45 बजे तक)
विजय मुहूर्त: 23 मई, 2024 (दोपहर 02:30 बजे से 03:30 बजे तक)
गोधूलि मुहूर्त: 23 मई, 2024 (शाम 07:08 बजे से 07:29 बजे तक)
निशिता मुहूर्त: 23 मई, 2024 (रात्रि 11:59 बजे से 12:38 बजे तक)

व्रत का महत्व

श्री सत्यनारायण व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का उत्तम साधन है. व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. जीवन में व्याप्त दुख और संताप दूर होते हैं.

भगवान सत्यनारायण की कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. व्रत करने से वैवाहिक जीवन में सुख और संतान प्राप्ति होती है. रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है.

पूजन विधि

व्रत का संकल्प

प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ कर भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा स्थापित करें. दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं. भगवान सत्यनारायण का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.

षोडशोपचार पूजन

षोडशोपचार विधि से भगवान सत्यनारायण का पूजन करें. इसमें गणेश पूजन, पंचामृत स्नान, वस्त्र अर्पण, आभूषण अर्पण, पुष्प अर्पण, धूप अर्पण, दीप अर्पण, नैवेद्य अर्पण, फल अर्पण, सुपारी अर्पण, पान अर्पण, दक्षिणा अर्पण, जल अर्पण, आरती और प्रार्थना शामिल हैं.

कथा श्रवण

श्री सत्यनारायण की पौराणिक कथा का श्रद्धापूर्वक श्रवण करें.

आरती

भगवान सत्यनारायण की आरती करें

भोग

भगवान सत्यनारायण को स्वादिष्ट भोग अर्पित करें

व्रत का पारण

सूर्यास्त के बाद व्रत का पारण करें.
सबसे पहले भगवान सत्यनारायण को भोग लगाएं.
फिर फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें.
दान-पुण्य करें.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Next Article

Exit mobile version