23.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वसंत नवरात्रि पर कलश स्थापना कैसे और कब करें? जानिए शुभ मुहूर्त और विधि

वसंत नवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. नौ दिनों तक चलने वाला यह त्योहार मां दुर्गा की शक्ति और भक्ति का प्रतीक है. इस वर्ष वसंत नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक चलेगी.

वसंत नवरात्रि का त्योहार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और लगातार 9 दिनों तक चलता है, वैसे तो साल में चार नवरात्रि होता है लेकिन दो नवरात्रि को विशेष रुप से मनाया जाता है. लेकिन इसमें वसंत नवरात्रि का महत्व अधिक है. नवरात्रि में माता के नव रूपों की पूजा की जाती है. इस साल वसंत नवरात्रि पर एक विशेष योग भी बन रहा है- सर्वार्थ सिद्ध योग और अमृत सिद्धि योग. इस विशेष योग में मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है.

कब से शुरू होगी वसंत नवरात्रि ?

इस साल नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक चलेगी. वसंत नवरात्रि में मां दुर्गा के रूपों की पूजा करने से आप जिन पारिवारिक समस्याओं से परेशान चल रहे, वे दूर हो जाएंगी. जो लोग चंद्रमा के प्रभाव से पीड़ित हैं, उन्हें वसंत नवरात्रि के दौरान देवी भगवती की पूजा करने से शक्ति मिलती है. इनकी विधि-विधान से पूजा करने से आप पर कृपा कई गुना बढ़ जाती है. वसंत नवरात्रि के दिन से ही नव संवत्सर का आरंभ होता है.

किस मुहूर्त में नहीं करें कलश स्थापना?

कलश स्थापना देवी शक्ति की विशेष पूजा है. इसकी पूजा करने से हमें शक्ति मिलती है. लेकिन अगर कलश की स्थापना शुभ मुहूर्त में नहीं की गई तो देवी की पूजा का कोई लाभ नहीं मिलता है. इस साल कलश स्थापना का विशेष मुहूर्त है. अनुचित समय पर कलश स्थापना करने से देवी शक्ति का प्रकोप होता है. आपको बता दें कि अमावस्या, वैधृत योग और चित्रा नक्षत्र में कलश स्थापना नहीं करनी चाहिए, इससे परेशानियां बढ़ती हैं.

कैसे करें कलश स्थापना

मिट्टी का एक चौड़े मुंह वाला बर्तन रखें, उसके नीचे सप्तधान्य (सात अनाज) रखें, यानी सप्तधान्य के ऊपर मिट्टी का बना हुआ बर्तन रखें, बर्तन में पानी भरें, बर्तन की गर्दन पर लाल कपड़ा लपेट दें. कलश में कलावा बांधें और आम का पल्लव कलश पर रखें, इसके बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर रखें, सुपारी, एक पैसा, दूर्वा, रोली रखें. कलश स्थापना के बाद कलश पर सिन्दूर और पान का पत्ता लगाएं और मां भगवती की पूजा करें.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

  • मंगलवार, 09 अप्रैल 2024, सुबह 11:15 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक.
  • प्रतिपदा तिथि प्रारंभ 08 अप्रैल 2024 को रात्रि 11 बजकर 55 मिनट से
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त हो रही है 09 अप्रैल 2024 को रात्रि 09:43 बजे.
  • अभिजीत मुहूर्त मंगलवार, 9 अप्रैल 2024 को सुबह 11:15 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक है
  • वैधृत योग का आरंभ 08 अप्रैल 2024 संध्या 06:16 से
  • वैधृत योग का समाप्त 09 अप्रैल 2024 संध्या 03:18 तक
  • सर्वार्थ सिद्ध योग का आरम्भ 09 अप्रैल 2024 सुबह 07:32 से
  • सर्वार्थ सिद्ध योग का समाप्त 10 अप्रैल 2024 सुबह 05:06 तक
  • अमृत सिद्ध योग का आरम्भ 09 अप्रैल 2024 सुबह 07:32 से
  • अमृत सिद्ध योग का समाप्त 10 अप्रैल 2024 सुबह 05:06 तक

वसंत नवरात्र में माता घोड़े पर सवार होकर आएंगी

इस साल नवरात्रि मंगलवार से शुरू होगी. चूंकि मंगलवार को नवरात्रि शुरू होगी इसलिए देवी मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी. देवी भगवती का घोड़े पर आना उचित नहीं है. घोड़े पर सवार होकर देश में प्राकृतिक आपदा, महामारी आयेगी, सीमा क्षेत्र में तनाव रहेगा.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्र
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

Also read : सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी हिंदू नववर्ष 2081 की शुरुआत, मंगल होंगे राजा, तो शनि ग्रह मंत्री

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें