Vastu Dosh: मकान तो बना लेते है, लेकिन किस दिशा में किचन बनाना है.इसकी जानकारी नहीं होने के कारण कई तरह से परेशानी बन जाती है. वास्तु शास्त्र बहुत ही पुरानी है प्राचीन समय में भी घरों का निर्माण किया जाता था उसमे पहले वास्तु का ध्यान रखकर मकान का निर्माण होता था वास्तु के अनुसार किचन, बाथरूम बेडरूम, मुख्य दरवाजा का निर्माण होता था जिसे परिवार में एकता बनी रहती थी. वास्तु शास्त्र में किचन को बहुत ही महतवपूर्ण स्थान माना जाता है इसलिए वास्तु के अनुसार किचन बनाना बहुत जरुरी होता है. अगर आप वस्तु के अनुसार किचन बना लेते है आपके परिवार में खुशहाली बनी रहेगी, परिवार में एकता बना रहेगा.आइए जानते है वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन किस दिशा में बनाए जो आपके लिए अनुकूल रहे.
रसोईघर सम्बंधित वस्तु निर्देश .
- भवन बनाते समय रसोईघर अग्नि कोण में ही बनाया जाना चाहिए यदि अग्नि कोण में रसोईघर बनाना संभव नहीं हो तो पश्चिम दिशा रसोई घर के लिए अनुकूल रहता है .
- रसोईघर की लम्बाई एवं चौड़ाई के गुणनफल में 9 से गुना करके 8 से भाग देने पर शेषफल 2 बचना चाहिए जो आपके लिए शुभ रहेगा.
- ईशान कोण में चूल्हा नहीं रखना चाहिए अगर ऐसा करते है आपको आर्थिक नुकसान होगी तथा वंशवृद्धि रुक जाती है.
- खाना बनाते समय गृहिणी अथवा खाना बनाने वाले का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए ऐसा रहने से परिवार के सदस्य के स्वास्थ्य ठीक रहेगा.
- रसोईघर में पीने का पानी ईशान कोण में अथवा उतर दिशा में रखना चाहिए.
- रसोईघर में भाडी सामान वर्तन आदि दक्षिण दीवार की ओर रखे .
- रसोईघर में गैस बर्नर,चूल्हा स्टोव अथवा हीटर आदि दीवार से से 4 इंच की दुरी पर होना चाहिए
- यदि रसोईघर में फ्रिज रखना हो तो उसे अग्नि कोण यानि दक्षिण और पश्चिम अथवा उतर दिशा में रखते है बहुत ही शुभ होता है. नैऋत्य कोण में कभी नहीं रखे मशीन ख़राब हो जाएगी.
- रसोईघर से पानी की निकासी दक्षिण पच्छिम या नैऋत्य कोण की ओर रखनी चाहिए.
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जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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