Vastu Tips For Om Symbol: हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में ‘ॐ’ का चिह्न अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इसे ब्रह्मांड की ऊर्जा और दिव्यता का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक दृष्टिकोण से, यह एक पवित्र चिह्न है, जो मानव जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार करता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, ‘ॐ’ का उच्चारण और इसका प्रतीक मानसिक शांति प्रदान करने वाली ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में ‘ॐ’ का चिह्न बनाना या इसे उचित स्थान पर स्थापित करना शुभ माना जाता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि घर में कहां पर ॐ का निशान नहीं बनाना चाहिए.
घर की दक्षिण दिशा में न बनाएं ॐ
दक्षिण दिशा को यमराज का स्थान माना जाता है. इसके अतिरिक्त, इस दिशा का संबंध पितरों से भी है. इसलिए, घर की दक्षिण दिशा में ॐ का निर्माण नहीं करना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, जहां पहले से एक देवता उपस्थित होते हैं, वहां दूसरे देवता का स्थान नहीं होता है. अतः दक्षिण दिशा में ॐ का निर्माण न करें.
घर के मुख्य द्वार पर ॐ का चिन्ह बनाना उचित नहीं है
अधिकतर लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर ॐ का प्रतीक लगाते हैं या दीवार पर लिखते हैं. हालांकि, इसे मुख्य द्वार पर सीधे नहीं बनाना चाहिए, बल्कि इसे दीवार या दरवाजे के ऊपरी हिस्से में स्थापित करना चाहिए. मुख्य द्वार की दीवार या दरवाजे पर ॐ को नीचे की ओर नहीं बनाना चाहिए.
यह प्रतीक आपके निवास में शांति और समृद्धि का संचार करता है. घर के मुख्य प्रवेश द्वार, पूजा स्थल, या घर के मध्य में ‘ॐ’ का चिन्ह बनाना अत्यंत प्रभावी माना जाता है. यह घर के सभी सदस्यों के बीच सामंजस्य और सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करता है. साथ ही, यह परिवार के सदस्यों को आध्यात्मिक विकास और मानसिक शांति प्राप्त करने में सहायता करता है.