सुबह उठकर शीशा देखने की है आदत, तो हो जाएं सावधान, पूरा दिन हो सकता है खराब
Vastu Tips: क्या आपको ज्ञात है कि सुबह उठने के बाद आईने में नहीं देखना चाहिए? वास्तु के अनुसार, यह उचित नहीं माना जाता है. मान्यता है कि सुबह की शुरुआत अपने प्रतिबिंब को देखकर नहीं करनी चाहिए.
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में कई ऐसी बातें बताई गई हैं जो हमारे जीवन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं. इन्हीं में से एक है सुबह उठते ही शीशे में खुद को देखना. यह साधारण आदत नजरअंदाज की जा सकती है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार इसका हमारे मन और शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.आइए जानते हैं इससे जुड़े पहलू और सही तरीके.
सुबह उठकर शीशे में खुद को देखने का असर
बहुत से लोगों को सुबह उठते ही सबसे पहले शीशे में खुद को देखने की आदत होती है. लेकिन वास्तु शास्त्र के मुताबिक, यह आदत शुभ नहीं मानी जाती वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह-सुबह जब व्यक्ति उठता है, तो उसकी ऊर्जा सबसे कमजोर होती है. इस समय शीशे में देखना मन को बेचैन कर सकता है और दिनभर के लिए नकारात्मकता बढ़ा सकता है.
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रात में शीशे के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रात में जब हम सोते हैं तो आसपास की नकारात्मक ऊर्जा शीशे के पास जमा हो जाती है. सुबह उठते ही इस ऊर्जा से भरे शीशे में देखने पर व्यक्ति पर इसका बुरा असर हो सकता है. इससे व्यक्ति को दिनभर थकावट और चिड़चिड़ेपन का अनुभव हो सकता है.
स्वास्थ्य और आत्मविश्वास पर प्रभाव
सुबह शीशे में देखने से अक्सर हम अपने चेहरे की कमियों पर ध्यान देने लगते हैं, जैसे झुर्रियां, दाग-धब्बे या सफेद बाल
इससे मन में आत्म-संदेह पैदा हो सकता है और आत्मविश्वास कम हो सकता है.वास्तु शास्त्र के अनुसार, सुबह अपने प्रतिबिंब को देखना शुभ नहीं माना जाता क्योंकि यह मन में अशुभ विचारों को जन्म दे सकता है.
शीशे से जुड़े वास्तु नियम
- शीशे की सही दिशा: वास्तु के अनुसार, घर में शीशे को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना सबसे अच्छा माना जाता है.
- सोने की जगह से दूर रखें शीशा: यह सुनिश्चित करें कि सोते समय आपका प्रतिबिंब शीशे में न दिखे.
- साफ-सुथरा रखें शीशा: वास्तु के अनुसार, गंदे और धूलभरे शीशे नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं.
- रात में ढक दें शीशा: अगर संभव हो तो रात में शीशे को किसी कपड़े से ढक दें.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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