हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका एक घर हो अपना। कई लोगों के लिए इस सपने को पूरा करना किसी उपलब्धि से कम नहीं है। इसलिए घर खरीदते या फिर इसका निर्माण करते समय वास्तु के कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन नियमों का पालन करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है और साथ ही घर में खुशियां आती है.
मुख्य द्वार
घर का मुख्य द्वार सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। मुख्य द्वार के माध्यम से घर में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा प्रवेश करती है। इसलिए मुख्य द्वार को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
रसोई
रसोई घर का एक प्रमुख स्थान होता है। रसोई में भोजन पकाया जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसलिए रसोई को दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
बेडरूम
बेडरूम में हम आराम करते हैं और अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं। इसलिए बेडरूम की दिशा दक्षिण-पश्चिम होनी चाहिए।
बाथरूम
बाथरूम में हम नहाते हैं और शौच करते हैं। इसलिए बाथरूम को उत्तर-पश्चिम कोने में होना चाहिए। साथ ही इसका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
लिविंग रूम
लिविंग रूम में हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं। इसलिए लिविंग रूम को पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए.
वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। घर के आसपास का वातावरण भी अच्छा होना चाहिए। घर के पास कोई श्मशान, मंदिर, अस्पताल, या जेल नहीं होना चाहिए। घर में पेड़-पौधे लगाना चाहिए। पेड़-पौधे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाते हैं। घर में हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। घर में गंदगी नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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