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Vishwakarma Puja Mantra And Aarti: विश्वकर्मा पूजा के समय इस मंत्र और आरती को पढ़े बिना आराधना रह जाती है अधूरी, यहां पढ़े आरती और देखे Video

Vishwakarma Puja Mantra And Aarti, Aarti Video Vishwakarma Puja Vidhi, Muhurat, Mantra At the time of Vishwakarma Puja: सृष्टि के पहले वास्तुकार एवं देवों के शि​ल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा आज 16 सितंबर और कल 17 को हो रही है. इस बार विश्वकर्मा पूजा दो दिन किये जा रहे है. देश के कुछ राज्यों में आज 16 सितंबर दिन बुधवार को मनाया जा रहा है. वहीं, कुछ राज्यों में कल 17 सितंबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा.

Vishwakarma Puja Mantra And Aarti: सृष्टि के पहले वास्तुकार एवं देवों के शि​ल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा आज 17 को मनायी जा रही है. इस बार विश्वकर्मा पूजा दो दिन किये जा रहे है. देश के कुछ राज्यों में 16 सितंबर दिन बुधवार को भी मनाया गया. वहीं, कुछ राज्यों में आज 17 सितंबर दिन गुरुवार को की जा रही है. जो लोग निर्माण और सृजन के क्षेत्र से जुड़े हैं, उनको भगवान विश्वकर्मा की पूजा जरूर करनी चाहिए. विश्वकर्मा पूजा करने से कार्य में सफलता और उन्नति मिलती है. विश्वकर्मा पूजा में उनके मंत्र के बारे में जानना चाहिए. आज हम आपको भगवान विश्वकर्मा के पूजा मंत्र और आरती के बारे में बता रहे हैं. तो आइए यहां पढ़े आरती और देखे Video…

विश्वकर्मा पूजा मंत्र

ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:।

आज विश्वकर्मा पूजा है. पूजा के समय रुद्राक्ष की माला से विश्वकर्मा पूजा मंत्र का जाप करें, जाप के समय इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र का उच्चारण सही हो. गलत उच्चारण करने से आपको इस पूजा का फल नहीं मिलेगा.

विश्वकर्मा पूजा करने के बाद आरती के लिए कर्पूर या फिर घी के दीपक का प्रयोग करें. आरती करने से पूजा पूर्ण हो जाती है. जब तक आरती नहीं की जाती है उस समय तक पूजा अधूरी ही मानी जाती है. आरती करने के बाद ही पूजा पूर्ण होती है. पूजा में जो भी कमी रहती है, वह आरती से पूरी होती है, इसलिए पूजा के बाद आरती करना आवश्यक माना जाता है. आरती के बाद प्रसाद लोगों में वितरित कर स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए.

भगवान विश्वकर्मा जी की आरती

हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा।

युग–युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा…।।

मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं।

भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा…।।

निर्बल हैं तुझसे बल मांगते, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं।

श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा…।।

चरणों से हमको लगाए ही रखना, छाया में अपने छुपाए ही रखना।

धर्म का योगी बनाए ही रखना, हे विश्वकर्मा…।।

सृष्टि में तेरा है राज बाबा, भक्तों की रखना तुम लाज बाबा।

धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा…।।

धन, वैभव, सुख–शान्ति देना, भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना।

संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा…।।

तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक, तुम कष्टहर्ता।

तुम ज्ञानदानी भण्डार भर्ता, हे विश्वकर्मा…।।

News Posted by: Radheshyam kushwaha

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