Love Marriage in Bihar: अभी शादियों का सीजन चल रहा है. राजधानी के होटल और बैंक्वेट हॉल में शादी के मौके पर शानो- शौकत दिख रही है. सजावट से लेकर बैंड-बाजा तक में लोग लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं. लेकिन, राजधानी में ही कुछ शादियां ऐसी भी हो रही हैं, जिनमें न तो बरात का ताम-झाम है और न ही शादी के मंडप की जरूरत है. थोड़ी सी कागजी कार्रवाई और हो गयी शादी. कोर्ट में होनेवाली ऐसी मैरेज से जुड़े पहलू को बताती पढ़िए जूही स्मिता की यह रिपोर्ट.
पटना के छज्जूबाग स्थित जिला निबंधन कार्यालय में जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री को लेकर लोगों की भीड़ लगी है. इसी भीड़ के बीच एक युवक व एक युवती कागज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. उनके साथ दो-चार लोग भी हैं. पूछे जाने पर पता चला कि ये शादी करने आये हैं. सुनकर किसी को भी आश्चर्य हो सकता है. ये कैसी शादी! इसमें न बैंड-बाजा है न बराती. दरअसल ये युवा कोर्ट मैरेज करने पहुंचे हैं. 90 के दशक में जहां कोर्ट मैरेज को समाज अच्छी नजरों से नहीं देखता था. अब राजधानी पटना में ही प्रतिदिन 12-15 जोड़े कोर्ट मैरेज कर परस्पर सम्मान व स्नेह का वचन दे रहे हैं.
पटना निबंधन कार्यालय में वर्ष 2020 में जहां 800 कपल कानूनन एक दूजे के हुए, वहीं इस साल 24 नवंबर तक 1009 लोगों ने बिन फेरे शादी की है. जिला निबंधन कार्यालय में इस साल अब तक 797 लोगों ने अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन भी कराया है. जिला अवर निबंधक-सह-विशेष विवाह पदाधिकारी, पटना सदर के धनंजय कुमार राव कहते हैं, रजिस्ट्री कार्यालय में शादी कराना सस्ता है. यहां शादी कर लोग फिजूल खर्च से बचते हैं.
नहीं अपनायी जाती धार्मिक पद्धति
जिला अवर निबंधक का कहना है कि कोर्ट मैरेज परंपरागत शादियों से बहुत अलग होती है. यहां शादियां निबंधक ऑफिसर के सामने विशेष विवाह अधिनियम के तहत संपन्न होती हैं. कोर्ट मैरेज किसी भी धर्म, संप्रदाय अथवा जाति के बालिग युवक-युवती के बीच हो सकती है. किसी विदेशी व भारतीय की भी कोर्ट मैरेज हो सकती है. कोर्ट मैरेज में किसी तरह की कोई धार्मिक प्रक्रिया नहीं अपनायी जाती है. इसके लिए दोनों पक्षों को सीधे ही मैरेज रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन करना होता है.
दिखावा नहीं, प्यार है जरूर
बुधवार को पटना निबंधन कार्यालय में शादी करने पहुंचे एक कपल से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि आजकल के कपल काफी प्रैक्टिकल अपरोच को लेकर चल रहे हैं. वे कहते हैं, शादी पर लाखों रुपये खर्च करने से बेहतर है कि साधारण शादी की जाए. शादी में खर्च होनेवाले पैसे को बचा कर हम आगे फ्यूचर में इस्तेमाल करनेवाले हैं. कई लोग शो ऑफ की जिंदगी में रहना पसंद करते हैं तो कई शादी पर पैसा खर्च करने से बचते हैं. शादी के लिए दिखावा नहीं बल्कि एक दूसरे से प्यार होना चाहिए. शादी के नाम पर लाखों खर्च करने से बेहतर है कि कोर्ट मैरेज कर घर बसाया जाये.
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लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए.
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कोर्ट मैरेज स्पेशल मैरेज एक्ट1954 के अनुसार होती है, जिसमें पहले से कोई शादीशुदा नहीं होना चाहिए.
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दूल्हा-दुल्हन दोनों ही मानसिक रूप सेस्वस्थ हो.
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वर-वधु का आपस में कोई पारिवारिक रिश्ता न हो जैसे मामा, भांजी , चाचा-भतीजी, भाई-बहन आदि.
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दो गवाह लड़की की तरफ से और दो गवाह लड़के की तरफ से होने चाहिए, गवाहों के बिना शादी मान्य नहीं होती है.
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आपको शादी की तारीख से एक माह (30 दिन) पहले तक उस शहर का निवासी होना चाहिए.
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आपको आवेदन पत्र को शुल्क सहित नियमनुसार भरकर जमा करना होगा.
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वर-वधू के अलग-अलग दो-दो रंगीन फोटो या फिर शादी के बाद के रजिस्ट्रेशन के लिए दो संयुक्त फोटो जरूरी है.
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निवास का प्रमाण/पहचान पत्र/ आधार कार्डया ड्राइविंग लाइसेंस की फोटोकॉपी जमा करनी होगी.
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कोर्ट मैरेज की फीस सभी राज्यों में अपनी सेवा अनुसार अलग होती है. यह फीस 500 रूपए से लेकर 1000 तक हो सकती है.
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हाइ स्कूल / इंटर की मार्कशीट की फोटोकॉपी या आप जन्म प्रमाण पत्र भी जमा कर सकते हैं.
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धारा 5 और धारा 15 के तहत एक शपथ पत्र देना होता है.
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दूल्हा-दुल्हन के गवाहों की फोटो और पैन कार्ड जमा होता है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha