Vivah Panchami 2024 Upay: धार्मिक परंपरा के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन माता सीता का स्वयंवर आयोजित किया गया था, जिसमें भगवान राम का विवाह माता जानकी से हुआ. प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन गाय के दूध से बनी खीर का भोग अर्पित करने की परंपरा भी है. जो व्यक्ति विवाह में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस उपाय को अवश्य अपनाना चाहिए.
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केले के पेड़ की पूजा
विवाह पंचमी के दिन केले के पेड़ का विशेष महत्व होता है. ज्योतिष के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को गुरु से संबंधित दोष है, तो वह केले के पेड़ की पूजा करने से दूर हो जाता है. देवताओं के गुरु यानी बृहस्पति को विवाह, संतान और धर्म का जानकार माना जाता है. ऐसे में जिनके विवाह या संतान प्राप्ति में देरी हो रही है, उन्हें इस तिथि पर केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए.
सीता और भगवान राम की पूजा
जिन जातकों को शीघ्र विवाह करना हो वे आज के दिन माता सीता और भगवान राम का पूजन और उपासना करें. राम-जानकी स्तुति का पाठ करें तथा व्रत-उपवास रखने से मनचाहा वर-वधू मिल सकता है.
सुहाग सामग्री अर्पित
विवाह पंचमी के दिन माता जानकी को सुहाग सामग्री अर्पित करके ब्राह्मण स्त्री को दान देने से भी आपकी विवाह संबंधी हर मनोकामना पूरी हो सकती है.
यदि आपकी शादी में किसी प्रकार का ग्रह दोष समस्या उत्पन्न कर रहा है, तो ग्रह दोष के निवारण के लिए पूजा कराने से पूर्व विवाह पंचमी के दिन एक लाल कपड़े में तुलसी की 9 पत्तियाँ रखें और उन पर हल्दी तथा कुमकुम लगाएँ. इसके पश्चात, उन पत्तियों को उस कपड़े में बांधकर उस युवक या युवती के हाथ में बांध दें, जिसकी शादी में विलंब हो रहा है. इससे ग्रहों की शांति होगी और विवाह में हो रही देरी समाप्त हो जाएगी.