Vivah Yog: ज्योतिष शास्त्र में विवाह में हो रही देरी का कारण बताया गया है, इसके साथ ही हर व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी समस्याओं की जानकारी कुंडली में ग्रहों की स्थिति देखकर की जा सकती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मांगलिक दोष व्यक्ति के विवाह संबंधी कार्यों में विघ्न उत्पन्न करता है. यदि कुंडली के सातवें घर में मंगल हो तो विवाह के समय में बाधाएं आती हैं और विवाह के बाद भी परेशानियां बनी रहती हैं.
कुंडली में मंगल ग्रह यदि लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में है तो विवाह में बाधा उत्पन्न होती है. लड़की की कुंडली में बृहस्पति कमजोर है और लड़के की कुंडली में शुक्र कमजोर है तो विवाह में देरी होगी. वहीं मंगल और शुक्र की युति से भी विवाह में देरी या बाधा उत्पन्न होती है. ऐसी स्थिति में कई लोगों को विवाह आदि के लिए लम्बें समय तक इंतजार करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति ठीक न होने पर विवाह आदि में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हालांकि ज्योतिष शास्त्र में शीघ्र विवाह के कुछ उपाय भी बताए गए हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मांगलिक दोष होने पर शादी में बाधा आती है, इस स्थिति में मांगलिक दोष को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए, इसके साथ ही हनुमान जी को गेहूं के आटे एवं गुड़ से बने लड्डू का भोग लगाएं. हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें और रामायण के बालकांड का पाठ करें.
कुंडली में विवाह योग के लिए कभी भी अकेले भगवान शिव, राम या कृष्ण की पूजा न करें, इससे विवाह में देरी होती है. विवाह में देरी से बचने के लिए शिव पर्वती, राम सीता अथवा कृष्ण राधा की युगल प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए. लड़का या लड़की जिसके भी विवाह में देरी हो रही है, उसे शीघ्र विवाह के लिए भगवान शिव के मंदिर में जाना चाहिए और माता पार्वती के साथ शिवजी की भी पूजा करनी चाहिए.
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ज्योतिष शास्त्र में गुरु को विवाह का प्रमुख कारक माना गया है. गुरु की स्थिति अनुकूल नहीं होने पर विवाह में देरी होती है, इससे निजात पाने के लिए गुरुवार के दिन पीला वस्त्र धारण करें. गुरुवार के दिन चने की दाल, केला, हल्दी एवं केसर का सेवन लाभप्रद होता है. गुरुवार का व्रत भी कर सकते हैं.