Alhamdulillah: इस्लाम धर्म में खूब होता है अल्हम्दुलिल्लाह का इस्तेमाल, जानें क्या है इसका मतलब
Alhamdulillah: आपने निश्चित रूप से कई मुसलमानों को "अल्हम्दुलिल्लाह" शब्द बोलते हुए सुना होगा. यह वास्तव में एक अरबी वाक्यांश है, और इस पवित्र शब्द का उपयोग मुख्यतः अरबी बोलने वाले लोग करते हैं.
Alhamdulillah: अल्हम्दुलिलहा शब्द का उपयोग प्रायः मुस्लिम समुदाय द्वारा अल्लाह के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए किया जाता है. आइए समझते हैं कि इस शब्द का प्रयोग संवाद के दौरान कब और कहां किया जाता है.
अल्हम्दुलिल्लाह शब्द का अर्थ
अल्हम्दुलिल्लाह एक ऐसा शब्द है जो अरबी भाषा के तीन शब्दों अल, हमद और लिल्लाह को मिलाकर बना है. यहां अल शब्द का कोई विशेष अर्थ नहीं है, लेकिन इसे अंग्रेजी में ‘THE’ के समान समझा जा सकता है, जो किसी शब्द के साथ जुड़कर उसे विशेष महत्व प्रदान करता है.
हमद का अर्थ है प्रशंसा करना, जो किसी चीज की सराहना या सम्मान देने के लिए अरब में उपयोग किया जाता है. लिल्लाह का अर्थ है ‘अल्लाह के लिए’, जिसका उपयोग मुस्लिम समुदाय में ईश्वर को संदर्भित करने के लिए किया जाता है. जैसे हिंदू अपने भगवान को ईश्वर या गॉड कहते हैं, वैसे ही मुस्लिम अपने ईश्वर को अल्लाह के नाम से पुकारते हैं. जब हम इन तीनों शब्दों को मिलाते हैं, तो इसका अर्थ होता है ‘अल्लाह के लिए प्रशंसा’ या किसी चीज की सराहना करना.
ऐतिहासिक स्रोतों में अल्हम्दुलिल्लाह का उल्लेख
जाबिर इब्न अब्द-अल्लाह ने अपनी हदीस में उल्लेख किया है कि ईश्वर को स्मरण करने का सर्वोत्तम तरीका “ला इलाह इलला विल्लाह” है और सबसे उत्तम प्रार्थना “अल्हम्दुलिल्लाह” है.
अबू हुरैरा ने भी बताया कि मुहम्मद के अनुसार, अल्हम्दुलिल्लाह के बिना की गई कोई भी प्रार्थना अपूर्ण मानी जाती है. वहीं, अनस बिन मलिक ने कहा कि मुहम्मद के अनुसार, ईश्वर उस व्यक्ति से प्रसन्न होते हैं जो “अल्हम्दुलिल्लाह” का उच्चारण करके आभार व्यक्त करता है, चाहे वह खाने के समय हो या शराब पीने के दौरान.