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Mauni Amavasya 2023 Date Time: मौनी अमावस्या आज, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और गंगा स्नान का महत्व जानें

मौनी अमावस्या 2023 में कब है? इस दिन व्रत को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए कुछ आसान नियमों का पालन करने की सलाह दी जातीहै. आइए जानते हैं कि ये नियम क्या हैं और इन्हें कैसे किया जाना चाहिए. इस दिन गंगा स्नान करने का क्या महत्व है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2023 5:34 PM

Mauni Amavasya 2023 Date Time: मौनी अमावस्या का नाम ऋषि मनु के नाम पर रखा गया है, जिनके बारे में माना जाता है कि उनका जन्म इसी दिन हुआ था. भक्तों को इस दिन “मौन व्रत” का पालन करने के लिए कहा जाता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस दिन को तपस्या और भगवान से क्षमा प्रार्थना करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. जानें इस बार मौनी अमावस्या 2023 कब है? गंगा स्नान का महत्व क्या है और इस दिन कौन से विशेष कार्य करने चाहिए.

मौनी अमावस्या अमावस्या 2023 तारीख, शुभ मुहूर्त

  • मौनी अमावस्या 2023 तिथि शनिवार, 21 जनवरी 2023

  • अमावस्या प्रारंभ जनवरी 21, 2023 को शाम 06:17 बजे से

  • अमावस्या समाप्त 22 फरवरी 2023 को 02 बजकर 22 मिनट पर

मौनी अमावस्या व्रत पूजा विधि, नियम

मौनी अमावस्या के व्रत को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए कुछ आसान नियमों का पालन करने की सलाह दी जातीहै. आइए जानते हैं कि ये नियम क्या हैं और इन्हें कैसे किया जाना चाहिए:

  • ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 3 से 6 बजे के बीच उठ जाएं.

  • गंगा नदी में स्नान करें, और यदि आप ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं तो साफ पानी से स्नान करें या एक बाल्टी पानी में “गंगाजल” डालें और फिर उस पानी से स्नान करें.

  • पवित्र जल से स्नान करते समय नीचे लिखे मंत्र का जाप करें.

    ‘गंगे च यमुना चैव गोदावरी सरस्वती. नर्मदे सिंधु कावेरी जलऽस्मिनसन्निधि कुरु.’

  • स्नान के बाद, भगवान विष्णु के नाम का ध्यान करें और दिन भर के लिए मौन व्रत की शपथ लें.

  • अब तुलसी की 108 बार परिक्रमा करें.

  • पूजा के बाद गरीबों को धन, अन्न और वस्त्र दान करें.

  • सुनिश्चित करें कि आप स्नान करने के तुरंत बाद चुप रहें और दिन भर अपने मन में ऊपर बताए गए मंत्र का जाप करें.

मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान क्यों करते हैं? महत्व जानें

हिंदू पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या माघ महीने के मध्य में आती है और इसलिए इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है. भक्त इस दिन अपने पापों को क्षमा करने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए पूरे माघ महीने में गंगा के पवित्र जल में स्नान करने का संकल्प लेते हैं. पवित्र गंगा के जल में स्नान पौष पूर्णिमा से शुरू होता है और माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है. मौनी अमावस्या के दिन, गंगा के पवित्र जल को “अमृता” माना जाता है, जो इसे पीने और स्नान करने वाले किसी भी व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त करने में मदद कर सकता है.

मौनी अमावस्या अर्थ

सरल शब्दों में मौनी का अर्थ है मौन. इस दिन उपवास रखने वाले लोग बिना एक शब्द बोले पूरा दिन व्यतीत कर देते हैं. इसलिए पूरे दिन मौन रहने के कारण ही इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है. इसके अलावा, माघ का महीना आध्यात्मिक तपस्या के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है.

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मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक शुभ दिन है. इस दिन, सैकड़ों भक्त त्रिवेणी संगम के तट के पास रहते हैं, जहाँ पवित्र नदियाँ गंगा, यमुना और सरस्वती प्रयागराज में मिलती हैं. माघ अमावस्या का महत्व इस तथ्य में निहित है कि इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने और इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करने से दीर्घ, सुखी और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या के दिन महाकुंभ मेला भी लाखों तीर्थयात्रियों का स्वागत करता है.

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