Eid Ul Fitr 2020: कब मनाई जाएगी ईद, जानिए लॉकडाउन में चांद के दीदार के बाद कैसे मनाई जाएगी ईद-उल-फितर

रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फितर मनाई जाती है. रमजान का महीना अपने अंतिम चरण में है. रमजान के बाद ही ईद-उल-फितर का त्योहार आता है, जो इस्लाम धर्म का एक पावन पर्व है. इस्लामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चांद के दिखने पर शु्रू होता है.

By Radheshyam Kushwaha | May 21, 2020 9:11 AM
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रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फितर मनाई जाती है. रमजान का महीना अपने अंतिम चरण में है. रमजान के बाद ही ईद-उल-फितर का त्योहार आता है, जो इस्लाम धर्म का एक पावन पर्व है. इस्लामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चांद के दिखने पर शु्रू होता है. मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है. इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है और खुदा से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं. इस बार ईद 25 या 26 को मनाई जाएगी. क्योंकि ईद कब मनायी जाएगी यह चांद के दीदार से तय होती है.

रमजान-उल मुबारक माह के बाद ईद-उल-फितर के इस मुबारक दिन के सुबह मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाह में जमा होकर ईद की नमाज अदा करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के मद्देनजर लोगों को ईद की नमाज अपने घरों में ही अदा करनी होगी. लॉकडाउन 04 के कारण इस बार एक साथ मस्जिदों में इक्कठा होकर नमाज पढ़ने की मनाही है. रमजान का पाक महीना अपने अंतिम चरणों में है. रमजान के बाद ही ईद-उल-फितर का त्योहार आता है, जो इस्लाम धर्म का एक पावन पर्व है. इस साल चांद के दीदार के बाद ईद उल फितर 25 या 26 मई को मनाई जा सकती है. इस दिन लोग नमाज अदा कर रोजे का समापन करते हैं. इस दिन का विशेष महत्व है.

ऐसे मनायी जाती है ईद

रमजान महीने में रोजा रखने का मतलब होता है कि लोगों को भूख प्यास का एहसास हो सकें. वहीं, ईद उल फितर को मनाने का मक्सद ये है कि पूरे महीने अल्लाह के बंदे अल्लाह की इबादत करते हैं. रोजा रखते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं, जिसका मजदूरी मिलने का दिन ही ईद का दिन कहलाता है. जिसे मुसलमान बडे़ हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं. इस ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होंने महीने भर के उपवास रखने की शक्ति दी. ईद के दौरान बढ़िया खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं. परिवार और दोस्तों के बीच तोहफों का आदान-प्रदान होता है. सिवैया इस त्योहार की सबसे जरूरी खाद्य पदार्थ है, जिसे सभी बड़े चाव से खाते हैं.

इस दिन कई तरह के पकवान घर में बनाएं जाते हैं. वहीं, मीठी सेवइयां घर पर आए मेहमानों को खिलाया जाता है. हालांकि, इस साल पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है. लिहाजा इस त्योहार की रौनक इस साल फीकी रहेगी. लॉकडाउन 04 लागू होने के कारण मस्जिदों और इदगाहों में नमाज अदा नहीं करने की मनाही है, इस बार गले मिलकर ईद की मुबारकबाद नहीं दे सकते है. सभी मस्जिदों से अपील की जा रही है कि अपने-अपने घरों में ई नमाज अदा करना है, वहीं, फोन कर या वाट्सएप पर ही ईद की मुबारकबाद दें. वहीं, सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करना होगा. इस दौरान सभी थानों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील थाना प्रभारी द्वारा की जा रही है.

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