Colour In Puja Aarti: पूजा आरती के दौरान किस रंग के कपड़े पहनना माना जाता है शुभ? जानें धार्मिक महत्व

Colour In Puja Aarti: पूजा पाठ में शुभ रंग के वस्त्र पहनने क महत्व बताया गया है. ज्यादातर लोग पीला और लाल कलर के वस्त्र पहनकर पूजा पाठ करते है. पीला रंग पॉजिटिव एनर्जी का प्रतीक माना जाता है. वहीं लाल रंग को सौभाग्य का रंग माना जाता है. आइए जानते है कि पूजा-पाठ और आरती में किस कलर के कपड़े पहनना चाहिए...

By Radheshyam Kushwaha | September 23, 2024 1:51 AM

Colour In Puja Aarti: सनातन धर्म में रंगों का व्यक्ति के जीवन में बहुत ही खास महत्व बताया गया है, इसके साथ ही पूजा-पाठ में भी रंगों को काफी अहमियत दी जाती है. व्रत-त्योहार, पूजा-पाठ और आरती के दौरान किस कलर के कपड़ा पहनना चाहिए, इसका भी महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार पूजा-पाठ में सही रंगों के वस्त्रों का चयन न होने से पूजा पूरी नहीं मानी जाती और उसका फल भी नहीं मिलता है. वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर देवी-देवता की पूजा से लेकर भोग तक अलग-अलग होता है. किसी भी शुभ या फिर मांगलिक कार्यों में शुभ रंग को पहना जाता है. पूजा पाठ और आरती में लाल, पीला, हरा जैसे रंग के वस्त्र पहनने में जोर दिया जाता है. वहीं सफेद, काला, नीला जैसे रंगों की मनाही होती है. शनिदेव को छोड़कर किसी भी देवता की पूजा में काले रंग के प्रयोग को वर्जित माना गया है.

पीला-लाल और सफेद रंग का धार्मिक महत्व
पीला रंग पॉजिटिव एनर्जी का प्रतीक माना जाता है. पीले रंग को पीतांबर भी कहा जाता है. भगवान श्री कृष्ण का ये नाम होता है. श्री कृष्ण को ज्ञान का भंडार कहा गया है, इसलिए जब पीतांबर धारण किया जाता है, तो हमें रंग के साथ ज्ञान भी प्राप्त होता है. वहीं सफेद रंग को शांति और पवित्रता का प्रतीक माना गया है, सफेद रंग के वस्त्र धारण करने से दिमाग शांत रहता है. वाणी की देवी मां सरस्वती को सफेद रंग बेहद प्रिय है, इसी प्रकार पूजा में उपयोग किए जाने वाला चावल/अक्षत भी सफेद रंग का होता है. वहीं लाल रंग को सौभाग्य का रंग माना जाता है. लाल रंग का उपयोग हर शुभ काम में होता है, लाल रंग को नए जीवन का प्रतीक माना जाता है.

ज्योतिष शास्त्र में रंग का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में रंगों का विशेष महत्व बताया गया है. सूर्य-लाल, चंद्रमा-सफेद, मंगल-लाल, बुध-हरा, बृहस्पति-पीला, शुक्र-सफेद, शनि-नीला रंग का प्रतिनिधित्व करता है. ज्योतिष शास्त्र में पीला रंग को गुरु ग्रह से जोड़ा जाता है. गुरु को भी ज्ञान, सौभाग्य, मान-सम्मान का कारक माना जाता है. पीला रंग धारण करने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है. अगर कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है, तो व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है, इसके साथ ही धन-धान्य और मान-सम्मान की बढ़ोतरी होती है.

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पीला रंग सांसारिक मोह माया से करता है दूर
पीला रंग गुरु से संबंधित है. गुरु ग्रह ज्ञान का कारक है, जब किसी व्यक्ति को सही ज्ञान की प्राप्ति होती है. वह जीवन और मृत्यु के सच को गहराई से समझ लेता है. पीला रंग भगवान श्री हरी विष्णु को बहुत प्रिय है, पीले रंग को सौंदर्य का प्रतीक भी माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जिसका गुरु कमजोर हो उसे गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए, जो व्यक्ति हरे रंग का प्रयोग करता है उसे धन की कमी नहीं होती है. इसके पीछे कारण यह है कि मां लक्ष्मी को भी हरा रंग बेहद प्रिय है.

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कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए क्या करें?

कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए, विशेषकर गुरुवार के दिन.

पूजा-पाठ में किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए?

पूजा-पाठ और आरती के दौरान लाल, पीला, और हरा रंग के कपड़े पहनने का महत्व बताया गया है, जबकि सफेद, काला, और नीला रंग पहनने से बचना चाहिए.

लाल रंग का धार्मिक महत्व क्या है?

लाल रंग को सौभाग्य और नए जीवन का प्रतीक माना जाता है. यह हर शुभ कार्य में उपयोग किया जाता है.

पीला रंग किसका प्रतीक है?

पीला रंग पॉजिटिव एनर्जी और ज्ञान का प्रतीक है. इसे भगवान श्री कृष्ण का प्रिय रंग माना जाता है.

काले रंग का पूजा में क्या महत्व है?

शनिदेव को छोड़कर किसी भी देवता की पूजा में काले रंग का प्रयोग वर्जित माना जाता है.

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