Yoga Day 2024: क्या आप जानते है अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का वास्तविक महत्व, यहां जानें महत्वपूर्ण बातें

Yoga Day 2024: “अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस” समारोह वैश्विक कैलेंडर का एक अभिन्न अंग बन गया है-विशेष रूप से भारत में... तथापि इसका वास्तविक महत्व हमारी आत्माओं में निहित है. “योग” का सहज अर्थ है “ईश्वर के साथ मिलन” अर्थात् वह सच्चा मिलन है जो सभी आत्माएं स्वाभाविक ढंग से खोज रही हैं. सम्पूर्ण विश्व के अधिकांश लोगों ने “योग” के बारे में सुना है, परन्तु उनमें से अधिकांश लोग अभी भी योग को शारीरिक व्यायाम या योगासन, अर्थात् हठयोग, के रूप में ही जानते हैं. परन्तु वस्तुतः योग और भी बहुत कुछ है जिसे समझने और अभ्यास करने की आवश्यकता है!

By Radheshyam Kushwaha | June 21, 2024 6:47 AM

Yoga Day 2024: प्रसिद्ध आध्यात्मिक गौरव ग्रन्थ “योगी कथामृत” के लेखक श्री श्री परमहंस योगानन्द एक अग्रणी भारतीय गुरु थे, जिन्होंने योग के सही अर्थ के बारे में सत्य की खोज करने वालों को शिक्षा प्रदान करने के लिए पश्चिमी जगत् की यात्रा की, जो लोग जीवन का सच्चे अर्थ खोज रहे हैं, उन सभी व्यक्तियों के लिए “कार्य योजना” के एक अभिन्न अंग के रूप में परमहंसजी द्वारा ध्यान के अभ्यास पर बल देना सामयिक के साथ-साथ कालातीत भी था. योगानन्दजी ने जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य, आत्म-साक्षात्कार अर्थात् ईश्वर के साथ एकता, की प्राप्ति के लिए आध्यात्मिक प्रयास को एकमात्र उपाय बताया और स्वयं उनके गुरु, स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि की यह प्रसिद्ध उक्ति है, “यदि आप अभी आध्यात्मिक प्रयास कर रहे हैं तो भविष्य में सब कुछ सुधर जाएगा!”

योगानन्दजी द्वारा उनकी पुस्तक “योगी कथामृत” में वर्णित परम सत्य की प्राप्ति की दिशा में प्रगति करने के लिए ईश्वर के प्रत्येक भक्त को चरणबद्ध वैज्ञानिक प्रविधि का अभ्यास करना आवश्यक है. क्रियायोग योग का उच्चतम स्वरूप है. योगानन्दजी ने ईश्वर-सम्पर्क की प्राप्ति के लिए मानव जाति को ज्ञात सर्वाधिक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में इसी विशिष्ट वैज्ञानिक मार्ग का अनुसरण करने पर बल दिया है. क्रियायोग में कुछ विशिष्ट वैज्ञानिक प्रविधियों का समावेश है, जो अभ्यासकर्ता को न केवल अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में सक्षम बनाती हैं, अपितु इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह “योगी” को अन्ततः सच्ची शान्ति और आनन्द प्राप्त करने में भी सक्षम बनाती है, जो हमारे अन्तर् में ईश्वर की विद्यमानता का स्पष्ट संकेत हैं.

योगानन्दजी ने अपने पौर्वात्य और पाश्चात्य अनुयायियों को यह बताया कि प्रत्येक व्यक्ति क्रियायोग मार्ग का अभ्यास कर सकता है और यह मार्ग निश्चित रूप से अस्तित्व के उच्चतम जगतों का एक प्रवेशद्वार है. उन्होंने कुछ प्रारम्भिक प्रविधियों के साथ-साथ “आदर्श-जीवन” दर्शन के बारे में भी विस्तार से बताया है जो क्रियायोग ध्यान के उच्चतम द्वार की ओर ले जाने वाले के लिए आवश्यक उपाय हैं। भगवान् श्रीकृष्ण ने भी श्रीमद्भगवद्गीता में दो बार क्रियायोग का अत्यंत सुन्दर शब्दों में उल्लेख किया है. लाखों लोग क्रियायोग को उसकी सभी अभिव्यक्तियों के साथ अपनी जीवनशैली के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं. तथापि, जैसा कि स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरिजी के गुरु लाहिड़ी महाशय ने बल दिया था, क्रियायोग का वास्तविक लाभ इसके सच्चे अभ्यास में निहित है. हमारे अस्तित्व के उच्चतर स्तरों का स्वर्णिम प्रवेशद्वार क्रियायोग प्रविधि के सार्थक और नियमित अभ्यास के द्वारा संचालित होता है.

Also Read: Shubh Vivah Muhurat In July 2024: जुलाई में शादी-विवाह के लिए सिर्फ 5 शुभ मुहूर्त, शुक्र के उदय होते ही गूंजेंगी शहनाइयां

योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस) योगानन्दजी द्वारा सन् 1917 में स्थापित एक आध्यात्मिक संस्था है. वाईएसएस द्वारा योगानन्दजी की विशाल शिक्षाओं की गहन अन्तर्दृष्टि का प्रसार पुस्तकों, मुद्रित पाठमाला और अन्य माध्यमों से जारी है। हाल के दशकों में भारत और सम्पूर्ण विश्व में क्रियायोग मार्ग का अनुसरण करने वाले भक्तों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है. जैसा कि हाल ही में वाईएसएस के रांची आश्रम में आयोजित “’साधना संगम” में एक युवा भक्त ने कहा, “योगानन्दजी की शिक्षाओं और क्रियायोग मार्ग की खोज से मेरा जीवन परिवर्तित हो गया है”
लेखक : विवेक अत्रे

Next Article

Exit mobile version