बिहार के रोहतास जिले में एक 11 साल का बच्चा सोन नदी पर बने पुल के पिलर में फंस गया था. जिंदगी और मौत के बीच में जूझ रहे मासूम रंजन को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद चली. करीब 25 घंटे से अधिक समय से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन रंजन को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास में लगी रही लेकिन रंजन को नहीं बचाया जा सका.
नासरीगंज – दाउदनगर मुख्य पथ पर नासरीगंज थाना क्षेत्र के जमालपुर व अतिमीगंज के पास नासरीगंज – दाऊदनगर सोन पुल के पिलर और दीवार के बीचों बीच एक 12 वर्षीय किशोर फंसा हुआ है. एक फुट से भी कम चौड़े दरार में रंजन फंसा हुआ है और उसे सुरक्षित बाहर निकालने के लिए 21 घंटे से अधिक समय से जद्दोजहद की जा रही है.
खिरी आंव पंचायत के खिरीआवं गांव के वार्ड आठ निवासी शत्रुध्न प्रसाद उर्फ भोला साह का 12 वर्षीय पुत्र रंजन कुमार पिछले दो दिनों से घर से गायब था. बालक मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया जा रहा है. एक महिला ने उसे पिलर के बीच में फंसा और रोते हुए देखा तो सूचित किया. जिसके बाद युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.
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रंजन को सुरक्षित बाहर निकालने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. एप्रोच रोड को जोड़ने वाले पिलर में किशोर फंसा था. एक तरफ उसे बालू से बचाने की चुनौती थी तो दूसरी तरफ पुल के सुपर स्ट्रक्चर को काटना भी एक चुनौती थर. इस दौरान बच्चे को कोई आंच नहीं आए और सुरक्षित बाहर निकाला जाए. ये तमाम चुनौतियां रेस्क्यू कर रही टीम के सामने थी. वहीं मौके पर उपेंद्र कुशवाहा भी पहुंचे थे. रंजन को बाहर तो निकाल लिया गया लेकिन उसकी मौत हो गयी.