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Galwan Valley Clash : चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में कोशी का लाल शहीद, सात वर्ष पूर्व हुई थी शादी, दो बेटों को पिता का इंतजार

बिहार के सहरसा जिले के सत्तरकटैया में बिहरा थाना क्षेत्र के आरन गांव निवासी बिहार रेजिडेंट आर्मी जीडी के जवान कुंदन कुमार (27) मंगलवार की रात भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक झड़प में शहीद हो गये. वीर जवान के शहीद होने की सूचना उसकी पत्नी बेबी देवी को कर्नल ने दूरभाष से दी. कर्नल ने फोन पर बताया कि आरन गांव निवासी भारतीय सेना के जवान कुंदन सैनिक मुठभेड़ में शहीद हो गये है.

सहरसा : बिहार के सहरसा जिले के सत्तरकटैया में बिहरा थाना क्षेत्र के आरन गांव निवासी बिहार रेजिडेंट आर्मी जीडी के जवान कुंदन कुमार (27) मंगलवार की रात भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुए हिंसक झड़प में शहीद हो गये. वीर जवान के शहीद होने की सूचना उसकी पत्नी बेबी देवी को कर्नल ने दूरभाष से दी. कर्नल ने फोन पर बताया कि आरन गांव निवासी भारतीय सेना के जवान कुंदन सैनिक मुठभेड़ में शहीद हो गये है.

सूचना मिलते ही पत्नी फफक-फफक कर रो पड़ी. रोने की आवाज सुनकर सास सुदामा देवी, ससुर नीमेंद्र यादव सहित अन्य परिजन के साथ ही ग्रामीणों की नींद खुली. देखते ही देखते ग्रामीणों की भीड़ जमा होने लगी और यह सूचना एक घंटे के अंदर आग की तरह फैल गया. फोन, सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने लगे. जानकारी मिलते ही बिहरा थानाध्यक्ष अरविंद कुमार मिश्रा पुलिस बल के साथ पहुंच परिजनों से जानकारी लेते ढाढस बंधाया. समाचार लिखे जाने तक शहीद जवान का पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचा है. परिजन सहित अन्य सभी लोग उनके पार्थिव शरीर के आने की प्रत्याशा कर रहे है.

वीर जवान की शहादत से नम हुई आंखें

भारतीय सेना के वीर जवान कुंदन के शहीद होने की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गया. आरन पश्चिमी टोला वार्ड नंबर 13 स्थित उनके आवास पर लोगों की भारी भीड़ जुट गयी. सभी लोगों की आंखें नम थी. लेकिन, मुंह से एक ही बात निकल रहा था कि कुंदन का जीवन धन्य हो गया. उन्होंने देश की सेवा करते देश की रक्षा के लिए अपनी जान दी है. यह गर्व की बात है. कुंदन के शहीद होने से प्रखंड सहित जिले में शोक का लहर छाया हुआ है. जिला एवं कोशी वासी भारत सरकार से चीन को सबक सिखाने की मांग कर रहे है. लोगों का एक ही कहना है कि चीन को सबक नहीं मिलता है तो कुंदन सहित बिहार के तीन व देश के बीस जवानों की शहादत बेकार हो जायेगी.

रोते-रोते बेहोश हो जाती है कुंदन की मां व पत्नी

वीर जवान कुंदन की शहीद होने की खबर से परिजनों में शोक का लहर छाया हुआ है. सभी का रो-रोकर हाल बुरा हो गया है. शहीद कुंदन की मां सुदामा देवी व पत्नी बेबी देवी दहार मारकर रोते रोते बेहोश हो जाती है. पिता नीमेंद्र यादव व भाई ललन यादव लोगों को देखकर फफक-फफक कर रोने लगते है. वहीं, छह वर्षीय पुत्र रौशन कुमार व चार वर्षीय पुत्र राणा कुमार लोगों की तरफ देखते रहते है. उसे पता नहीं है कि क्या हुआ है.

लोगों की भीड़ एवं परिजनों को रोते देख मां के गले से लिपट जाते है. शायद वह अनभिज्ञ है कि उसके पापा अब कभी लौटकर घर नहीं आने वाले है. उसे दुश्मनों ने सदा सदा के लिए गहरी नींद में सुला दिया है. दोनों नन्हें बच्चे को देख हर आदमी के सब्र का बांध टूट जाता है. शहीद के चाचा महेंद्र, योगेंद्र एवं सुरेंद्र सहित अन्य सभी परिजनों में मातम पसरा हुआ है.

पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने व्यक्त की संवेदना

आर्मी जीडी के जवान कुंदन कुमार के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद बुधवार को सदर विधायक अरुण यादव, डीआइजी सुरेश प्रसाद चौधरी, डीएम कौशल कुमार, एसपी राकेश कुमार, सदर एसडीओ शंभूनाथ झा, डीएसपी प्रभाकर तिवारी, बीडीओ असगर अली, सीओ अखिलेश कुमार, प्रमुख कृष्ण कुमार, पूर्व जिला पार्षद प्रवीण आनंद, मुखिया रोजी राजल, समिति संतोष कुमार, सरपंच निशा देवी, राजद नेता तारणी यादव, सामाजिक कार्यकर्ता सरोज यादव, तरुण कुमार, चंदन यादव, जाप नेता अमित कुमार, योगी यादव, सिकेन्द्र यादव, रामप्रकाश रमण, शंभु यादव, अगमलाल यादव सहित अन्य ने पंहुचकर शोक संवेदना व्यक्त की तथा परिजनों को सांत्वना दिये.

नौकरी के बाद धूमधाम से हुई थी शादी, दो पुत्र का बने पिता

शहीद वीर जवान कुंदन कुमार को आर्मी में वर्ष 2012 में नौकरी मिली थी. पहली पोस्टिंग जम्मू में हुई थी. बीते 27 फरवरी को वह घर से छुट्टी मनाने के बाद ड्यूटी पर गया और उसे भारत-चीन सीमा पर लद्धाख भेज दिया गया था. वर्ष 2013 के 11 जुलाई को कुंदन की शादी बड़े ही धूमधाम से मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड के इनरबा गांव में किसान परिवार बहादुर यादव की पुत्री बेबी कुमारी से हुई थी. शादी के बाद खुशहाल जीवन व्यतीत किया और दो पुत्रों को जन्म दिया. पहला रौशन व दूसरा राणा. जानकारी के अनुसार कुंदन की पत्नी बेबी स्नातक की शिक्षा प्राप्त की हुई है. वही कुंदन ने वर्ष 2008 में हाई स्कूल सौरबाजार से मैट्रिक, वर्ष 2010 में आरपीएम इंटर कॉलेज मधेपुरा से इंटर पास किये थे. बीए में एडमिशन के बाद उसे आर्मी में नौकरी मिल गयी.

कुंदन सहित उनके छह संबंधी सेना की नौकरी ज्वाइन का देश की कर रहे है सेवाभारतीय सेना के शहीद वीर जवान कुंदन सहित उनके छह संबंधी सेना एवं पुलिस की नौकरी ज्वाइन कर देश की सेवा कर रहे है. किसान नीमेंद्र यादव का पुत्र आरन गांव निवासी शहीद कुंदन कुमार ने वर्ष 2012 में आर्मी की नौकरी ज्वाइन की थी. वही उसका चचेरा भाई सुरेंद्र यादव का पुत्र रूपेश कुमार मेरठ में फौज की नौकरी करता है. ममेरा भाई जरसेन गांव निवासी मंजेश कुमार आर्मी तथा पिंटू कुमार सीआरपीएफ में नौकरी करता है. छोटा ससुर घैलाढ़ निवासी रामकुमार यादव तथा फूफा रामनारायण यादव दोनों बीएमपी की नौकरी करते है. कुंदन की चाची महेंद्र यादव की पत्नी शांति देवी एएनएम बनकर स्वास्थ्य विभाग में सेवा देती है.

कुंदन की शहादत गर्व की बात, बदला लें भारत सरकारवीर जवान कुंदन कुमार की शहादत पर ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक स्वर से कहा है कि कुंदन की शहादत हमलोगों के लिए गर्व की बात है. लेकिन, इस शहादत का बदला भारत सरकार को चीन से जरूर लेनी चाहिए. शहीद के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे सहरसा विधायक अरुण कुमार ने कहा कि कुंदन देश की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी है. यह हमलोगों के लिए गर्व की बात है. लेकिन, भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिमाकत करने वाले पड़ोसी देश चीन को उसके किये का दंड मिलना जरूरी है.

कुंदन की शहादत गर्व की बात, बदला लें भारत सरकार

वीर जवान कुंदन कुमार की शहादत पर ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक स्वर से कहा है कि कुंदन की शहादत हमलोगों के लिए गर्व की बात है. लेकिन, इस शहादत का बदला भारत सरकार को चीन से जरूर लेनी चाहिए. शहीद के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे सहरसा विधायक अरुण कुमार ने कहा कि कुंदन देश की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी है. यह हमलोगों के लिए गर्व की बात है. लेकिन, भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिमाकत करने वाले पड़ोसी देश चीन को उसके किये का दंड मिलना जरूरी है.

पूर्व जिला पार्षद सह लोजद नेता रितेश रंजन व प्रवीण आनंद ने कहा कि वीरों का बलिदानी व्यर्थ नही जाना चाहिए. सरकार सबक सिखाने के लिए ठोस कदम उठाए. ग्रामीण सुरेंद्र प्रसाद यादव, अगमलाल यादव, मिश्रीलाल यादव, कमल यादव, अरविंद यादव, विवेकानंद यादव, मो ईशु, रामोतार यादव, सुरेश सुतिहार सहित दर्ज़नो ने कहा कि देश की सेवा में जान अर्पण करने वाले वीर शहीद कुंदन जैसा पुत्र हर माता-पिता को मिले. यह सौभाग्य कि बात है, लेकिन दुश्मन हमारे तरफ आंख उठाकर देखे यह बर्दाश्त नही किया जायेगा.

शहीद कुंदन के शोक में डूबा गांव, नहीं जला चूल्हा

भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में शहीद हुए आरन कुंदन के शोक में पूरा गांव डूब गया है. मंगलवार की रात शहीद होने की सूचना मिलते ही रात भर गांव का लोग नहीं सोया. वहीं, सुबह होने के बाद भी पार्थिव शरीर के आने की प्रत्याशा में भूखे प्यासे इंतजार कर रहे है. कुंदन का पार्थिव शरीर बुधवार रात तक पहुंचने की संभावना जतायी जा रही है. कुंदन के शोक में किसी घर में दिनभर चूल्हा नहीं जला है. आर्मी जवान कुंदन बचपन से ही मिलनसार स्वभाव का था. जिसके कारण कुंदन के शहीद होने की जानकारी से ग्रामवासी काफी आहत हुए है. गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के तीन एवं देश के बीस जवानों को यहां के लोग सलामी दे रहे है.

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