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आपदा में भी नहीं थमा ‘परिवार नियोजन’ का पहिया, सहरसा में मनाया गया विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम

आपदा में भी नहीं थमा 'परिवार नियोजन' का पहिया, सहरसा में मनाया गया विश्व जनसंख्या दिवस कार्यक्रम

सहरसा. आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की जिम्मेदारी के मूल मंत्र से इस बार विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया. दो चरणों के कार्यक्रम के तहत दंपती संपर्क पखवारा 27 जून से 10 जुलाई तक और सेवा प्रदायगी जनसंख्या स्थितरता पखवारा 11 से 31 जुलाई तक मनाया गया.

इस दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों को परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी दी और उन्हें अपनाने के लिए प्रेरित किया.कोरोना काल में डिजिटल प्लेटफॉर्म बना मददगारसिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी में भी जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम की गति धीमी नहीं होने देनी है. इस वर्ष की थीम आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी थी. पखवारे के दौरान जन जागरूकता के लिए आईईसी मेटीरियल के द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रचार-प्रसार किया गया. सामाजिक एवं व्यक्तिगत दूरी को ध्यान में रखते हुए परिवार नियोजन पर व्यापक रूप से प्रचार प्रसार के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी उपयोग किया गया, जो काफी मददगार साबित हुआ.

परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों (बास्केट ऑफ चॉइस) के बारे में लाभार्थियों को परामर्श दिया गया. सार्वजानिक स्थानों पर परिवार नियोजन से संबंधित बैनर-पोस्टर लगाये गये. पखवारे के दौरान गर्भनिरोधक इंजेक्शन अन्तरा तथा प्रसव बाद आईयू सीडी सेवाओं को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया गया. स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर परिवार नियोजन के साधन मुफ्त उपलब्ध थे. समुदाय में इनका वितरण कंटेंमेंट एवं बफर जोन को छोड़कर अन्य सभी जगह कोविड प्रोटोकॉल के दायरे में किया गया. जिला एवं प्रखंड स्वास्थ्य सुविधा इकाइयों पर लगे हुए कॉन्डोम बॉक्स को प्रतिदिन विसंक्रमित किया गया. लाभार्थियों को 2 महीने के लिए कंडोम तथा ओरल गर्भनिरोधक गोलियां उपलब्ध करायी गयी. नसबंदी के लिए पहले से ही लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया. ऐसे फंक्शनल स्वास्थ्य सुविधा केंद्र, जहां ओटी है, वहीं कोविड प्रोटोकॉल के साथ नियत सेवा दिवस के कार्य (एफडीएस) सम्पादित किए गये.

केयर इंडिया के जिला परिवार नियोजन समन्वयक श्रवण कुमार ने बताया कि प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में परिवार नियोजन की भूमिका अहम है. लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. नसबंदी कराने वाले पुरूषों और महिलाओं को क्रमशः 3000 और 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है. प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी कराने वाली महिलाओं को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जबकि अस्थायी विधियों में प्रसव के बाद आईयूसीडी एवं गर्भपात के बाद आईयूसीडी, जिसको सरल भाषा में कॉपर-टी कहा जाता है के लिए लाभार्थी को 300 (2 फॉलोअप पर), अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर 100 रुपये प्रति डोज की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. उन्होंने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी साधन उपलब्ध हैं. इस बार जिले में महिला बंध्याकरण 191, गर्भनिरोधक गोलियां 488, आईयूडी-22 व पीपीआईयूडी (कॉपर-टी) 259, अंतरा 213, कंडोम 25550 उपलब्ध कराये गये. गर्भनिरोध के उपाय अपनाने तथा यौन जनित बीमारियों से भी बचने के बारे में बताये गये.

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