डीएसपी प्रमोद मिश्रा से सोमवार को पूछताछ होगी. इडी ने उन्हें समन भेज कर 12 दिसंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है. उन पर बरहरवा टोल प्लाजा विवाद में आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को 24 घंटे में क्लीन चिट देने का आरोप है. बरहरवा कांड के आइओ सरफुद्दीन खान से पूछताछ के बाद इडी ने डीएसपी प्रमोद मिश्रा को पूछताछ के लिए समन जारी किया था.
आइओ ने पूछताछ के दौरान यह स्वीकार किया था कि डीएसपी प्रमोद मिश्रा ने बरहरवा टोल प्लाजा विवाद में प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर ही राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को निर्दोष करार दिया था. डीएसपी के सुपरविजन के बाद जारी किये गये निर्देश के आलोक में आइओ को उसी के अनुरूप जांच कराना होता है.
टोल प्लाजा विवाद में कुल 11 अभियुक्त थे. इसमें से 10 नामजद और एक अज्ञात था. डीएसपी ने आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दी. इसके बाद कुल आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया. आइओ ने यह स्वीकार किया था कि बरहरवा टोल प्लाजा विवाद में दर्ज प्राथमिकी की जांच तर्कसंगत नहीं है.
राजीव कैश कांड में गिरफ्तार अमित अग्रवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 12 दिसंबर को सुनवाई होगी. मनरेगा घोटाले में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए भी 12 दिसंबर की तिथि निर्धारित है. अमित अग्रवाल द्वारा दायर याचिका में सीबीआइ जांच के आदेश को चुनौती दी गयी है. हाइकोर्ट ने मामले में इडी का पक्ष सुनने के बाद सीबीआइ जांच का आदेश दिया था.
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने दुमका परिसदन में कहा कि इडी की कार्रवाई से झारखंड सरकार को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने सोच लिया है कि जब तक केंद्र में ऐसी सरकार रहेगी, हमें इसी माहौल में काम करना होगा. एक पैर बाहर रहेगा, एक पैर अंदर.
जो होगा देखा जायेगा. हम काम करते रहेंगे. इडी की कार्रवाई से मेंटल डिप्रेशन जरूर होता है. काम की क्षमता प्रभावित होती है. लेकिन महागठबंधन की सरकार कार्यकाल पूरा करेगी. मंत्री ने कहा कि उन पर जो टेंडर मैनेज करने के लिए फोन पर बातचीत करने का आरोप लगाया जाता है, वह बेबुनियाद है. अपने 20 साल के राजनीतिक कैरियर में आज तक किसी को टेंडर संबंधित कार्य के लिए फोन नहीं किया.