साहिबगंज : लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ बहादुरी से लड़ते हुए साहिबगंज का लाल कुंदन कुमार ओझा (26 वर्ष) शहीद हो गये. कुंदन साहिबगंज जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत हाजीपुर पश्चिम पंचायत के डिहारी गांव का रहनेवाला था. कुंदन के पिता रविशंकर ओझा किसान हैं. इस संबंध में सीओ महेंद्र मांझी ने बताया कि दोपहर करीब तीन बजे शहीद कुंदन की मां भवानी देवी को उनके बटालियन के पदाधिकारी ने फोन कर बेटे के शहीद होने की सूचना दी.
कुंदन के शहीद होने की सूचना दोपहर तीन बजे मिलते ही उनके परिवारवालों के साथ डिहारी गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. कुंदन के शहीद होने पर उनके पिता रविशंकर ओझा, माता भवानी देवी, पत्नी नेहा देवी, भाई मुकेश कुमार ओझा, कन्हैया कुमार ओझा सहित परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है.
17 दिन पहले ही शहीद कुंदन की पत्नी ने पुत्री को जन्म दिया है. पुत्री के जन्म की सूचना मिलने पर कुंदन ने परिजनों से बात की थी. उन्होंने पत्नी से कहा था कि बेटी को देखने जल्द घर आउंगा. पति के शहीद होने की खबर से पत्नी का भी रो-रोकर बुरा हाल है. वह बार-बार एक ही बात कह रही थी कि उन्होंने एक बार अपनी बेटी को गोद में भी नहीं खिलाया.
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कुंदन कुमार ओझा का वर्ष 2011 में 16 बिहार दानापुर रेजिमेंट की बहाली में चयन हुआ था. 2012 में उन्होंने भारतीय थल सेना में योगदान किया था. डिहारी गांव के शहीद कुंदन कुमार ओझा तीन भाई थे. बड़े भाई मुकेश कुमार ओझा व छोटे भाई कन्हाई कुमार ओझा है. एक बहन भी है. कुंदन उच्च विद्यालय साहिबगंज से 2009 में मैट्रिक पास किया था.
साहिबगंज कॉलेज से 2011 में इंटर पास कर बीए पार्ट 2 कर ही रहे थे कि उनकी बहाली सेना में हो गयी. कुंदन के बड़े भाई मुकेश कुमार ओझा धनबाद व कन्हैया ओझा गोड्डा में प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं. मंगलवार को जिस समय इस घटना की जानकारी मिली, उस समय घर पर उनके माता-पिता के अलावा पत्नी और भाभी थीं.
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नाम – कुंदन कुमार ओझा
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पिता – रविशंकर ओझा
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मां – भवानी देवी
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शादी – 2017 में हुई थी
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ससुराल – मिरहटी, सुलतानगंज, बिहार
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5 महीना पहले आये थे घर
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4 भाई एक बहन में दूसरे नंबर पर थे कुंदन
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वर्ष 2011 में 16 बिहार दानापुर रेजिमेंट से बहाली
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2012 में भारतीय थल सेना ज्वाइन किया