International Literacy Day 2020 : साहिबगंज (नवीन कुमार) : निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए संपूर्ण साक्षरता अभियान चलाया गया था. इसका असर भी दिख रहा था, लेकिन फंड के अभाव में इस महत्वाकांक्षी साक्षरता अभियान पर ग्रहण लग गया है. साहिबगंज जिले में पिछले तीन वर्षों से ये अभियान बंद है.
गंगा की नगरी और वीर शहीद सिदो, कान्हू, चांद, भैरव, फूलो, झानो की धरती प्रकृति की गोद में बसी है. एक तरफ हरे-भरे पहाड़, तो दूसरी तरफ मां गंगा की निर्मल अविरल धारा बहती है. शिक्षा की दृष्टि से जिले में चार महाविद्यालय हैं, जिसमें साहिबगंज महाविद्यालय, बीएसके कॉलेज बरहरवा, बीएलएनएल बोहरा कॉलेज राजमहल, शिबू सोरेन जनजातीय कॉलेज बोरियो है.
साहिबगंज जिले को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए 1996 में संपूर्ण साक्षरता अभियान की शुरुआत की गयी थी. इसका मुख्य उद्देश्य 15-35 वर्ष के निरक्षरों को साक्षर की श्रेणी में लाना था, इस कार्यक्रम में जिला लक्षय समूह का 30.02 प्रतिशत सफलता प्राप्त की गयी. यह कार्यक्रम 2001 तक चला. जनवरी 2003 से अक्टूबर 2005 की अवधि तक उत्तर साक्षरता कार्यक्रम चला. इसका उद्देश्य छूटे निरक्षरों तथा विशेषकर महिलाओं को साक्षर की श्रेणी में लाना था. इस कार्यक्रम में 44.7 प्रतिशत सफलता प्राप्त की गयी थी. सितंबर 2005 से 2008 तक अवशिष्ट निरक्षरता उन्मूलन कार्यकम चला. इसका उद्देश्य जिले में बचे अवशिष्ट 15-35 वर्ष के निरक्षरों को साक्षर बनाना था. इस कार्यक्रम में जिला 51.54 प्रतिशत लक्षय हासिल किया गया. सितंबर 2009 से साक्षर भारत कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
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2011 में इस कार्यक्रम में गति आयी. इस कार्यक्रम का उद्देश्य 80 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त करने के साथ 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के निरक्षर लोगों को कार्यात्मक साक्षरता, बुनियादी साक्षरता, व्यावसायिक शिक्षा में सक्षम बनाना था, ताकि व्यक्ति अपने जीवन स्तर को सुधार सके. इस कार्यक्रम के तहत 166 पंचायत में लोक शिक्षा केन्द्रों के माध्यम से प्रशिक्षित स्वयं सेवकों द्वारा निरक्षरों को विभिन्न साक्षरता केन्द्रों पर पठन पाठन का कार्य चलाना था. जिले को मार्च 2015 में 91200 लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया था. इसके तहत 9 मुख्य साधन सेवी, 331 मास्टर ट्रेनर एवं 9120 स्वयं सेवकों को लगाया गया था.
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राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्था, नई दिल्ली द्वारा 15 मार्च 2015 से 20 अगस्त 2017 तक बुनियादी साक्षरता आकलन जांच परीक्षा ली गयी. जिसमें कुल 180782 नवसाक्षर परीक्षा में सम्मिलित हुए और 140988 नवसाक्षर सफल हुए. राज्य संसाधन केंद्र आंद्री रांची के सहयोग से दो आदर्श लोक शिक्षा केंद्र कल्याणी पंचायत तालझारी व रामपुर सकरीगली में चल रहे हैं. जिसमे समय समय पर सिलाई कढ़ाई ब्यूटीशियन इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाता है. राजमहल सांसद विजय हांसदा द्वारा गोद ली गयी पंचायत तालझारी पतना में शत प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त करने के लिए साक्षरता कर्मी कार्य कर रहे हैं. समतुल्या कार्यक्रम पायलट के रूप में चलाने की योजना पर कार्य चल रहा है. जिसमें 3-3 पंचायत चिन्हित किया जाएगा.
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साक्षर भारत कार्यक्रम 31 मार्च 2018 से बंद है. जिला स्तर पर 4 कर्मी हैं. सात महीने से साक्षरताकर्मियों का मानदेय लंबित है. जिले के सभी प्रखंडों में एक-एक प्रखंड कार्यक्रम प्रबन्धक, 166 पंचायतों में एक पुरुष व एक महिला प्रेरक कार्यरत थे.
साहिबगंज जिले में 25 उच्च विद्यालय है. 278 मध्य विद्यालय, 858 प्राथमिक विद्यालय है. इसके अलावा बाल श्रमिक पुनर्वास विद्यालय, 09 कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, एकलव्य विद्यालय, एक नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और आईटीआई व पॉलिटेक्निक कॉलेज है. 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की कुल जनसंख्या 1150567 है, जिसमें पुरुष 589391 व महिलाएं 561176 है. जिले की साक्षरता दर 52.04 प्रतिशत है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 60.33 प्रतिशत, महिला साक्षरता दर 43.31 प्रतिशत है.
साहिबगंज जिले में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 72341 है, जिसमें पुरुष 37317 व महिलाएं 35024 हैं. साक्षरता दर 51.87 प्रतिशत है, जिसमें पुरुष 61.77 एवं महिलाएं 41.20 प्रतिशत हैं. जिले में अनुसूचित जनजाति की जनंसख्या 308343 है, जिसमें पुरुष 153435 व महिलाएं 154908 है. साक्षरता दर 39.95 प्रतिशत है, जिसमें पुरुष 48.82 प्रतिशत व महिलाएं 31.22 प्रतिशत हैं. जिले में साक्षरता दर 2001 में 37.6 प्रतिशत से बढ़कर 2011 में 52.04 प्रतिशत हुई. महिला साक्षरता दर 16.71 प्रतिशत दशकीय वृद्धि दर हुई. जनगणना 2011 के अनुसार साक्षरता क्षेत्र में जिला राज्य में 23वें स्थान पर है. ग्रामीण/ शहरी क्षेत्रो में साक्षरता दर असमानता 24.75 प्रतिशत है. जिले में सदर प्रखंड में साक्षरता दर सबसे अधिक 69.21 प्रतिशत है, वहीं सबसे कम बोरियो प्रखंडमें 42.38 प्रतिशत है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला साक्षरता समिति के सचिव अर्जुन प्रसाद कहते हैं कि तीन वर्षों से साक्षरता अभियान के लिए फंड नही आया है. कार्यालय में कार्य नहीं के बराबर हो पा रहा है. सरकार का निर्देश मिलने के बाद दोबारा अभियान की शुरुआत की जायेगी.
Posted By : Guru Swarup Mishra