रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. साहिबगंज की पहाड़िया युवती रेबिका की हत्या का मामला सदन के बाहर और अंदर गूंजा. भाजपा विधायकों ने हत्याकांड के खिलाफ प्रदर्शन किया व सरकार को घेरा. सदन में भाजपा के विधायक वेल में घुसे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया. भाजपा विधायक रणधीर सिंह सीट पर खड़े हो गये और जोर-जोर से बोलने लगे.
स्पीकर रबींद्रनाथ महतो के मना करने पर भी रणधीर सिंह बैठने को तैयार नहीं थे. इसके बाद स्पीकर श्री महतो ने विधायक को सदन की कार्यवाही से बाहर करने का निर्देश दिया. मार्शल ने उन्हें बाहर कर दिया. इसके बाद विधायक भानु प्रताप शाही, विरंची नारायण, अमर बाउरी, अनंत ओझा, नवीन जायसवाल व अन्य विधायक जोर-जोर से बोलने लगे.
सत्र के पहले दिन सदन दिवंगत हस्तियों को याद कर रहा था. उधर, सदन में हो-हंगामा थम नहीं रहा था. सत्ता पक्ष के विधायकों का कहना था कि इससे देशभर में झारखंड विधानसभा की गलत छवि बनेगी. स्पीकर श्री महतो का कहना था कि आप चर्चा के दौरान अपनी बातें रखें.
मैं जनता की संवेदना से वाकिफ हूं. शोक प्रकाश में हंगामा की ऐसी परिपाटी सदन में नहीं रही है. विपक्ष के पास अपनी बात रखने का समय है. विपक्ष लाश पर राजनीति कर रहा है, यह अच्छी बात नहीं है.
सदन के बाहर श्री सोरेन ने कहा कि क्या दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में घटनाएं नहीं घटती है. कहां ऐसी घटनाएं नहीं घटती हैं. मुझे लगता है कि समाज में विकृतियां फैल रही हैं. यह समाज के लिए चिंता का विषय है. ऐसी विकृतियां क्यों हो रही हैं, यह भी चर्चा का एक विषय है. इसका समाधान कैसे हो, यह हर वर्ग व समाज के लिए चिंता का विषय है. मेरा मानना है कि इस तरह की घटनाओं को कुचलने का प्रयास होना चाहिए.