Sahibganj News: गंगा नदी पर साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा पुल का निर्माण कर रही दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के साइट घाट पर हुए जहाज हादसे के पांचवें दिन रेस्क्यू टीम ने दो और हाइवा को गंगा नदी से बाहर निकाला. इस तरह अब तक गंगा नदी से अब तक कुल छह हाइवा निकाले जा चुके हैं, सातवें की तलाश जा रही है. वहीं इस हादसे में एक हाइवा के गायब ड्राइवर धनबाद के गोविंदपुर निवासी मो सरफुद्दीन (34) का शव भी 102 घंटे के बाद बाहर निकल आया. बताया जाता है कि मंगलवार की दोपहर करीब दो बजे कोलकाता से आगे चार गोताखोरों की टीम ने छठा हाइवा (एमपी 39 एच-2658) जिसमें ड्राइवर सरफुद्दीन के होने की बात थी, उसे बाहर निकाला. हाइवा के उपर होते ही गंगा के पानी में सरफुद्दीन का शव बहने लगा. घाट पर मौजूद धनबाद से आये परिवार वाले व अन्य लोग शव को देखने के लिए दौड़ पड़े. मृतक सरफुद्दीन के दोनों भाई सबीर अंसारी व अबीर अंसारी फफक-फफक कर रो पड़े.
डीबीएल कंपनी के जहाज दुर्घटना के पहले दिन जहाज के ड्राइवर व कंपनी के अधिकारी मात्र एक हाइवा के गंगा नदी में गिरने की बात कही थी. प्रभात खबर ने अपने 31 दिसंबर 2023 के अंक में गंगापुल के पास ”जहाज का संतुलन बिगड़ने से गंगा में समा गये सात हाइवा, एक चालक लापता” खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. अब तक छह हाइवा निकाले गये हैं. सातवें की तलाश की जा रही है.
सरफुद्दीन साहिबगंज-मनिहारी (बिहार) के बीच गंगा नदी पर बनने वाले पुल निर्माण में मेटेरियल की आपूर्ति करने वाली कंपनी डीबीएल में दो साल से कार्यरत था. वह हाइवा चलाता था. वह एक माह पूर्व ही भतीजे फुरकान अंसारी की शादी में गांव आया था. वह स्व. हसमत अंसारी के चार पुत्रों में सबसे छोटा था और घर का इकलौता कमाउ सदस्य था. उसकी तीन संतान शाहीन परवीन (20), पुत्र अनीश आलम (19) व दानिश अफरोज (17) हैं. पत्नी यासमीन कौशर का रो-रोकर बुरा हाल है. सरफुद्दीन का भांजा रियाज अंसारी भी डीबीएल कंपनी में ही हाइवा चलाता है.
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डीबीएल कंपनी के अधिकारियों के साथ मृतक सरफुद्दीन के परिवारवालों की बातचीत हुई. कंपनी की ओर से कहा गया कि मृतक सरफुद्दीन के परिजनों के बैंक खाते में 20 से 25 लाख रुपये की सहायता राशि दी जायेगी. फिलहाल अंत्येष्टि के लिए एक लाख रुपये दिये गये. शव को ले जाने के लिए कंपनी एंबुलेंस भी मुहैया करायेगी.
सरफुद्दीन के भाई शफीक ने कहा है कि डीबीएल कंपनी की ओर आशा के अनुरूप मुआवजा देने की घोषणा नहीं की गयी. हमलोगों को उम्मीद थी कि कंपनी कम से कम 35 से 40 लाख रुपये मुआवजा देगी. पर ऐसा नहीं हुआ. जिस दिन आश्रितों के बैंक खाते में मुआवजा की राशि चली जायेगी, उसी दिन हम इसे पॉजिटिव मानेंगे. अब तक यह मौखिक वादा है.
गोविंदपुर की मुर्गाबनी पंचायत अंतर्गत फुफवाडीह निवासी सरफुद्दीन अंसारी (36 वर्ष) की मिट्टी मंजिल गांव के कब्रिस्तान में बुधवार को की जायेगी. ग्रामीणों के साथ साहेबगंज गए कांग्रेस नेता मसूद आलम,आजसू नेता शफीक आलम, गोविंदपुर प्रखंड झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष अताउल अंसारी ने बताया कि देर रात सरफुद्दीन का शव लेकर फुफवाडीह पहुंचेंगे. कंपनी की ओर से फिलहाल अंतिम संस्कार के लिए एक लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है.