समस्तीपुर : भारत-चीन सीमा पर 14-15 जून की रात शहादत देने वालों में बिहार में समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीननगर के सुल्तानपुर का लाल अमन कुमार (27) भी शामिल है. सुधीर कुमार सिंह के पुत्र अमन कुमार बीते तीन महीने से लद्दाख के गलवान घाटी में बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. बेटे की शहीद की खबर मंगलवार की रात परिजनों को मिली. जिसके बाद चीत्कार मार रही उनकी मां को सांत्वना देते हुए अमन के पिता ढाढस बंधा रहे थे. खुद व पत्नी की आंसुओं को पोछते हुए भरे हुए गले से कहा, इस प्रकार के यदि हजार बेटे हों तो देश के लिए शहादत देने को आगे आते रहेंगे.
वहीं, शहीद की पत्नी एवं उसके सास-ससुर दरवाजे पर रो रहे थे. लेकिन, आंसुओं में गर्व साफ झलक रहा था. मां रेणु देवी अपने शहीद बेटे का बदला लेने के लिए बार-बार आवाज बुलंद कर रही थी. महज साल भर पहले ब्याह कर आयी अमन की पत्नी मीनू देवी के मुंह से कोई आवाज नहीं निकल रही थी. आंखों के रास्ते निकल आने को पानी की बूंद नहीं बची, लेकिन उसकी बेजान जैसी सांसें अपने पति के बलिदान को स्वीकार कर गर्व का अनुभव कर रही है.
सुलतानपुर गांव मंगलवार की रात नौ बजे से चीख रहा है. गांववासी आंसुओं से भींग गये है. आसपास के गांव के लोग भी इस गम में शरीक हैं. मंगलवार की रात से दर्जनों घरों में चूल्हे नहीं जले. चीन की सीमा पर शहीद हुए अमन कुमार के लिए हर किसी का हृदय रो रहा है. चीन के दुस्साहस को लेकर हर किसी के मन में गुस्सा भरा हुआ है. सुलतानपुर गांव के बेटे के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है.
जैसे ही मंगलवार की रात में सुधीर कुमार सिंह को फोन पर जानकारी मिली कि उनका बेटा अमन लद्दाख में चीन की सीमा पर शहीद हो गया है, घर में चीख-पुकार मच गयी. उस समय खाना बनाने की तैयारियों में लगे आसपास के दर्जनों घरों तक जैसे ही यह खबर पहुंची चूल्हे जलने से रह गये.
सुधीर कुमार सिंह की चार संतानों में अमन तीसरे नंबर पर थे. उनके बड़े भाई राहुल गांव में ही रहते है. जबकि, बहन मौसम बिहार पुलिस में अपना योगदान दे रही है. सबसे छोटा भाई रोहित गांव में ही रह कर पढ़ाई कर रहा है.
अमन ने 2010 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. 2014 में बिहार रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. बीते वर्ष 2019 के फरवरी महीने में उसकी शादी पटना जिला के राणा बिगहा गांव में मीनू के साथ हुई थी. अमन शुरू से ही देशप्रेम का जज्बा रखते थे. उसने गांव के नौजवानों को देशहित के लिए बार-बार प्रेरित किया. भारतीय परंपरा एवं संस्कृति के विरुद्ध कभी नहीं गये. विवाह होने के बावजूद पत्नी से खाना नहीं मांग कर मां से ही मांगते थे. गांव के नौजवानों को प्रेरणा देने वाले अमन की खूबियों को लेकर चर्चा हो रही है.
सेवानिवृत्त शिक्षक बालेश्वर सिंह बताते हैं कि अमन की मधुर वाणी पूरे गांव में याद किये जायेंगे. नमामि गंगे के जिला संयोजक एवं स्थानीय निवासी भाई रणधीर ने कहा कि अमन कुमार के चले जाने से युवा पीढ़ी को सही रास्ते पर ले जाने वाला युवक चला गया.
भले ही गांव में शहीद के पिता के पास थोड़ी बहुत जमीन जायदाद है. लेकिन, वह जिंदगी बसर करने के लिए पर्याप्त नहीं थी. इसलिए वर्षों पूर्व वह काम की खोज में दिल्ली निकल गये थे. वहां ब्लू डाइट नामक कोरियर कंपनी में काम करते हुए चार बच्चों को पढ़ाया लिखाया और दूसरी जिम्मेदारियों को पूरा किया. 24 साल नौकरी करने के बाद 2017 में सेवा निवृत्त हुए. उससे तीन साल पूर्व अमन सेना में भर्ती हो गया था. उससे उनकी माली हालत सुधरने लगी थी. 2019 में अमन ने ही दिल्ली लेकर उनका ओपन हार्ट ऑपरेशन कराया था. अमन के शहीद होने के बाद घर की आर्थिक स्थिति भी संदेह के घेरे में है.
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को अमन का शव दाह संस्कार के लिए परिजनों को सौंपा जायेगा. आधिकारिक सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर यह जानकारी दी गयी है. बताया गया है कि बिहार सरकार के निर्देशानुसार अमन का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा. अंतिम संस्कार में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के सम्मिलित होने की भी बात बतायी गयी है.
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अमन के शहीद होने की खबर मिलने के बाद दूर-दराज के लोग भी सुलतानपुर गांव में बुधवार की शाम तक आते रहे. शोकाकुल परिवार से मिलकर लोगों ने अमन का शव आने के पूर्व ही बार-बार सलामी दी. संवेदना व्यक्त करने वालों में विधायक एज्या यादव, जिप अध्यक्ष प्रेमलता, पूर्व एमएलसी राणा गंगेश्वर प्रसाद सिंह, साहित्यकार बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर, भाजपा नेता राजेश कुमार सिंह, राजकपूर सिंह, माकपा नेता मनोज प्रसाद सुनील, उपप्रमुख बबीता देवी, पिंकू सिंह, उमा शंकर सिंह आदि शामिल हैं.