समस्तीपुर : बिहार राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दिन प्रतिदिन इसके मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. अब सूबे की सरकार वैश्विक महामारी से जंग लड़ने को नित नये कारगर उपाय ढूंढ रही है. साथ ही वर्तमान संसाधनों को समृद्ध करने के लिए उन्हें तकनीकी संपन्न बनाने को भी प्रयासरत है. बिहार सरकार के निर्देशानुसार किसी जिले के कोई भी इलाके में कोरोना पॉजिटिव मामला मिलने पर उस क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन और बफर जोन घोषित करते हुए संबंधित क्षेत्र में घर-घर सर्वेक्षण कराया जाना है.
प्रभात खबर के प्रतिनिधि के मुताबिक, इस कड़ी में कोरोना पॉजिटिव के घर को संक्रमण केंद्र बनाकर निर्धारित जोन को चिन्हित करने में इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन(इसरो) का पोर्टल विशेष मददगार साबित हो रहा है. कोविड-19 मामलों के उजागर होने के बाद संबंधित क्षेत्र में निगरानी सहित अन्य मामलों के उद्भेदन में यह पोर्टल काफी सहयोगात्मक बना है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने डीएम को पत्र जारी कर इसके उपयोग को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं.
पोर्टल की मदद से कन्टेनमेंट व बफर जोन में गांव और घरों की संख्या प्राप्त की जा रही है. इन इलाकों में रह रही आबादी का भी सही-सही आकलन हो रहा है. जिसके बाद विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण कार्य के साथ-साथ इलाकों की चौकसी में भी मददगार साबित हो रही है. पोर्टल के संचालन के लिए जिले में नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किये जायेंगे. हालांकि, विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि पोर्टल का दुरुपयोग किया जा सकता है.
ऐसे में नोडल पदाधिकारी को इसके उपयोग के दौरान काफी गोपनीयता बरतनी होगी. राज्य में नये मामले आने के साथ ही इन्टीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम व राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना द्वारा हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेटिंग सेंटर को नियमित रूप से कोविड-19 संबंधित आंकड़ा उपलब्ध कराया जा रहा है. जो जिला प्रशासन को संक्रमण प्रसार को रोकने में सहायक साबित हो रही है. कोरोना से जंग में इसरो की यह पहल काफी सराहनीय है.