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कोर्ट की सख्त टिप्पणी- समस्तीपुर एसपी को कानून की जानकारी नहीं, आरोपितों पर लगाई गलत धाराएं

बिहार की एक अदालत ने समस्तीपुर एसपी को जमकर लताड़ा है. एक मामले में आरोपितों पर गलत धाराएं लगाने के मामले में कोर्ट ने एसपी को फटकार लगाई है. सख्त टिप्पणी करते हुए अदालत ने एसपी की योग्यता पर सवाल उठाया है.

बिहार की एक अदालत ने समस्तीपुर के पुलिस अधिक्षक (SP Samastipur) मानवजीत सिंह ढिल्लो पर सख्त टिप्पणी की है और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई के एक मामले में अवमानना का नोटिस दिया है. एसपी समस्तीपुर पर आरोपितों पर गलत धारा लगाने की बात कही गयी है.

दलसिंहसराय के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने समस्तीपुर के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो पर एक मामले में कड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने उन्हें 30 दिनों के अंदर कोर्ट में सदेह उपस्थित होने का आदेश दिया है और पूछा है कि अदालत की अवमानना की कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट को क्यों नहीं लिखा जाए. दरअसल यह पूरा मामला आपदा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के एक मामले से जुड़ा हुआ है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दंडाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का इस मामले में सही इस्तेमाल नहीं किया है और आरोपितों पर गलत धारा लगा दी गई है. इस मामले में एसपी के द्वारा दिये गये जवाब को आपत्तिजनक बताया गया है. आरोप है कि एसपी ढिल्लो ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की गलत व्याख्या करके इस अदालत के अधिकार को कमतर बताने का प्रयास किया है. जज ने सख्त टिप्पणी देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि एसपी को कानून और प्रक्रिया की सही जानकारी नहीं है.

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गौरतलब है कि बीते 26 मई को उजियारपुर थाना क्षेत्र में लगे एक हाट में भीड़ हटाने गई पुलिस पर हमला हुआ था जिसमें छह नामजद और तीन-चार सौ अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. घटना के 12 दिनों बाद तीन आरोपितों की गिरफ्तारी हुई थी. लेकिन कोर्ट ने आरोपितों पर लगाई गई धारा को अनुचित बताते हुए पुलिस से जवाब मांगा था. जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने रिमाइंडर भेजा था. तब उजियारपुर थानाध्यक्ष और एसपी ने जवाब भेजा था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपितों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की लगाई गई धारा 56 गलत है. ये केवल सरकारी कर्मियों के खिलाफ लगायी जाती है. वहीं दूसरी धारा 81 लगाई गई है जो इस अधिनियम में है ही नहीं. कोर्ट ने एक वाद के फैसले का सही पालन नहीं करने की बात भी कही. अदालत ने डीजीपी, एडीजी अपराध अनुसंधान विभाग पटना व अन्य पदाधिकारियों को आदेश की प्रति के साथ संबंधित कागजात भेजकर जांच कर कार्रवाई के आदेश दिये हैं.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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