समस्तीपुर जिला शिक्षा विभाग का डीपीओ स्थापना संभाग द्वारा माध्यमिक संवर्ग के माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को गुरुवार की शाम बकाया राशि के भुगतान में अनियमितता सामने आयी है. शिक्षकों द्वारा एचएम के माध्यम से भेजे गए मांग पत्र की राशि से इतर करीब पांच सौ अधिक शिक्षकों की राशि की कटौती किये जाने का मामला प्रकाश में आया है.
शिक्षकों का कहना है कि विभागीय पत्र की गलत व्याख्या कर शिक्षकों को चिह्नित करते हुए नियमों को ताक पर रखकर राशि की कटौती की गयी है. जिला परिषद नियोजन इकाई में कार्यरत तीन दर्जन से अधिक शिक्षक, जिनका विद्यालय से मांग पत्र गया था, उन शिक्षकों का डीपीओ स्थापना कार्यालय ने मात्र 27,554 रुपये का ही भुगतान किया है. वही जिला परिषद नियोजन इकाई में हीं कार्यरत करीब दो सौ से अधिक शिक्षक, जिनका विद्यालय से मांग पत्र गया था, उन शिक्षकों का डीपीओ स्थापना कार्यालय ने मात्र 24,130 रुपये का भुगतान किया है.
रोसड़ा प्रखंड के दर्जनों शिक्षकों को मात्र 25,839 रुपये के हिसाब से भुगतान किया गया है. वही एक ही वर्ष में बहाल शिक्षकों के भुगतान में ही अंतर देखने को मिला है. पटोरी प्रखंड में प्लस टू शिक्षकों का 23,838 रुपये ही भुगतान किया गया है. कटौती से नाराज शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय से भेजे गए मांग पत्र के अनुरूप शिक्षकों की बकाया राशि का भुगतान किया जाना चाहिए था.
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एचएम द्वारा शिक्षा विभाग के जिलास्तरीय कार्यालय से निर्गत आधिकारिक और कटौती की नियमानुकूल प्रक्रिया के आदेश के बिना मौखिक रूप से कटौती नहीं कर अप्रैल 21 से फरवरी 22 तक के बकाया राशि का मांग पत्र भेजा गया. शिक्षकों का आरोप है कि संघ के पदधारक कार्यालय की मिलीभगत से 31 मार्च के निकासी के बाद भी शिक्षकों के बकाया राशि के भुगतान को संघ के 11 मार्च से शुरू होने वाले चुनाव तक टाल कर रखना चाह रहे थे, जिससे शिक्षकों के कोपभाजन का शिकार नहीं होना पड़े.
एक सप्ताह तक भुगतान नहीं होता देख शिक्षक और शिक्षक नेताओं ने डीपीओ पर दबाव बना शुरू किया तो गुरुवार की संध्या में आनन-फानन में राशि की कटौती कर भुगतान किया गया. सूत्रों की माने तो करीब सात-आठ करोड़ की राशि शिक्षकों को भुगतान के बजाय 31 मार्च को अपने बैंकिंग खाते में रखने के पीछे की गलत संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
जानकारों की माने तो डीडीओ द्वारा कोषागार से उतनी ही राशि की निकासी की जाती है, जितना का भुगतान किया जाना होता है.राशि निकासी कर अपने खाते में पार्किंग करना वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है. माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ बालो यादव, पूर्व जिला सचिव वेदानंद झा, मिथिला बिहारी प्रसाद सिंह स्थापना कार्यालय द्वारा राशि निकासी के बाद भी भुगतान में विलंब और शिक्षकों के साथ अनावश्यक रूप से की गयी कटौती को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है.
शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक नेता सिद्धार्थ शंकर, रणजीत कुमार, नवेंदु प्रियदर्शी, दुर्गानंद चौधरी के नेतृत्व में जिले के दर्जन से अधिक शिक्षकों ने डीपीओ से मुलाकात कर अनियमित कटौती की ओर ध्यान दिलाते हुए अविलंब भुगतान की मांग की. डीपीओ से मनोज कुमार मंगलम, डॉ ललित कुमार घोष, वसी इमाम, वीरेंद्र यादव, राम करण सिंह, गणेश कुमार, पंकज कुमार, दिवाकर प्रसाद सिंह, विजय शंकर ठाकुर, पवन कुमार चौधरी, रिंकेश कुमार, नवीन कुमार, सिद्धार्थ शंकर राय ने मुलाकात की.