Jharkhand news: सरायकेला-खरसावां जिला के 151 आदिवासी बहुल गांवों को आदर्श गांव (Model Village) के रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है. इसके तहत वैसे गांव जहां 50 प्रतिशत से अधिक आबादी आदिवासी की है और 500 अनुसूचित जनजाति वर्ग के सदस्य हैं, उन गांवों को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जायेगा. इसको लेकर समाहरणालय स्थित सभागार में डीसी अरवा राजकमल की अध्यक्षता में बैठक हुई.
जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्तमान में संचालित योजना स्पेशल सेंट्रल अस्सिटेंस टू ट्राईबल डेवलपमेंट अंतर्गत डिस्टिक प्लैनिंग एंड मॉनिटरिंग कमिटी (DPMC) की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की गयी. बैठक के दौरान आईटीडीए परियोजना निदेशक संदीप कुमार दोराईबुरु ने समिति के समक्ष स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंट टू ट्रेवल डेवलपमेंट से संबंधित विभाग द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन के संबंध में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि उक्त योजना के अंतर्गत वैसे ग्राम जहां 50% से अधिक आबादी अनुसूचित जनजाति की है एवं 500 अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं, उन गांवों को मॉडल विलेज के रूप में विकसित कर प्राथमिकता के आधार पर वर्गीकृत किया जाना है.
श्री दोराईबुरु ने बताया कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, झारखंड सरकार से सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत कुल 151 गांवों की सूची उपलब्ध करायी गयी है. इसमें 50% से अधिक आबादी अनुसूचित जनजाति की है एवं 500 अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं.
समिति द्वारा स्पेशल सेंट्रल असिस्टेंट टू ट्राईबल डेवलपमेंट से संबंधित मार्गदर्शिका के आलोक में सांसद आदर्श ग्राम PBTV ग्राम एवं सहित ग्राम में चयनित ग्रामों के साथ-साथ विभाग से प्राप्त सूची के अनुरूप प्राथमिकता के क्रम में सर्व सहमति से कुल 151 चयनित गांवों का वर्षवार कार्य के लिए अनुमोदन किया गया. बैठक में इस सूची विभाग को भेजने का निर्णय लिया गया.
बैठक के दौरान डीसी के साथ डीडीसी प्रवीण कुमार गागराई, आईटीडीए निदेशक संदीप कुमार दोराईबुरु, जिला कोषागार पदाधिकारी प्रमोद कुमार झा, डीएसपी हेडक्वार्टर चंदन कुमार वत्स, जिला योजना पदाधिकारी फैजान सरवर, सांसद, विधायक प्रतिनिधि समेत अन्य उपस्थित थे.
Posted By: Samir Ranjan.